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रविवार, 5 दिसंबर 2010

क्लिक_ क्लिक


















कुछ तस्वीरे आपके लिए लेकर आया हूँ... लम्बे समय से आपसे दूर था... दिवाली की छुट्टी मनाकर अभी लौटा हूँ.... बहुत व्यस्त हो गई है लाइफ .... केव्स टुडे में लिख भी नही पा रहा हूँ इन दिनों..... आदित्य अपनी पत्रिका के बारे में लिख चुके है...ख़ुशी इस बात की है कि" विहान " पत्रिका का प्रवेशांक निकल चूका है ... अब दिसंबर की अंक की तैयारी चल रही है... बाजारवाद की कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच पत्रिका लगातार निकालते रहना एक बड़ी चुनोती है ... लेकिन हमारे साथ टीम अच्छी है ...... उम्मीद है पत्रिका प्रगति करेगी......
साथियो , इन दिनों लिखने का समय नही मिल पा रहा है .... विहान को लेकर भागादौड़ी कर रहा हूँ ..... अगर लेखन करूँगा तो पत्रिका के लिए समय नही निकल पाउँगा..... वैसे हमारे {सी ऍम डी साहब }"परमार " जी के सख्त निर्देश है कि इन दिनों ब्लॉग पर लिखना और नेट पर बैठना कम ही करे तो ठीक रहेगा क्युकि यही समय है जब पत्रिका को एस्टेब्लिश करना है... इसी के चलते लिखना कम कर दिया है .... परमार जी की बातें माननी पड़ेगी क्युकि वही प्रधान संपादक जो है.... नही तो फटकार सुनने को मिलेगी......क्या पता नौकरी से भी हाथ धोना पद सकता है वैसे भी २००८_२०१० बीच के हमरे केव्स के साथी नौकरी की तलाश में ठोकरे खा रहे है .... लेकिन हमारे (सी ऍम डी ) अलग तरह के है.... जितनी आज़ादी उन्होंने मुझे दे राखी है और शायद ही कोई देता होगा... लिखने से लेकर महत्वपूर्ण फैसले लेने को मैं स्वतन्त्र हूँ.... हमारी टीम के एक साथी रजनीश पाण्डेय का स्वास्थ्य इन दिनों ख़राब चल रहा है.... उनकी कमी खल रही है... आशा है वह जल्द ठीक होकर पत्रिका में अपना योगदान देंगे......
आपको बता दू पत्रिका का प्रचार काफी हो चूका है... ऍम सी यू में हमें हर कोई पहचानने लगा है ..... प्रमोशन बिलकुल "पीपली लाइव " वाले अंदाज में हुआ है पत्रिका के लिए ज्यादा प्रचार करने की जरुरत नही हुई ...... विवेक, आदित्य आपके हाथो में जल्द ही पत्रिका होगी.... भिजवाने की व्यवस्था की जा रही है.......एक खुशखबरी है विवेक भाई आपको विहान का बिहार ब्यूरो चीफ बनाया जा रहा है.... परमार जी के संपर्क में रहिये और वहां से कुछ खबरे हम तक पहुचाये ..........आदित्य जी आप भी खबरे भेजना शुरू कर दीजिये......
घुमक्कड़ी करते हुए कुछ तस्वीरे उतारी है .....नजर फेरियेगा ऐसी उम्मीद है ......डोट कॉम के भी कई प्रकार मार्केट में आ चुके है... सांप , बिच्छु के बाद अब बारी केकड़े की है ....स्वर्णिम मध्य प्रदेश में अब कई तरह के ग्रुप बन्ने लगे है ..... शिव राज मामा अपना प्रदेश की भावना जगा रहे है ....... ग्रुप तस्वीर पर मामा का प्रभाव लगता दिख रहा है...."शनि देव " का तो क्या कहना .... ग्लोबल हो गए है..... जिधर देखता हूँ उधर तू ही तू है... या तो " साईं " या "शनि " देव.... संजय टेलर का भी क्या कहना ॥ अपना प्रचार कर रहे है और पोस्टर चिपकाना मना कर रखा है .....प्रेस की इससे बड़ी आज़ादी और क्या हो सकती है ..... आज़ाद प्रेस नाम से पेपर ............


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