चलो बारिश को रेन कोट पहनाये
धूप को भी छाता ओढाएँ
हवा को ऊचा उड़ना सीखायें
बादल को निचोड़ कर बारिश बनाये
चलो यार कुछ नया कर जाएँ
झूमकर बहारों से एक मंज़र भी छाने लगा
छाई बहारों में अब तो सावन भी गाने लगा
पेड़ो को भी बोलना सीखाएं
चलो यार कुछ .......
सपनों की इस गाड़ी पर चलो बिन पैसे करे खूब सवारी
क्योंकि ये सारी दुनिया ही हैं हमारी
मत कर अब मन भारी
संग ख़ुशी को लेकर पूरी कर ले जीतने की तैयारी
आखिर आ ही गई तेरी बरी :)
रूबी थैंक्स की तुम लिख रही हो...अच्छा लगता है....बट केवल कविता लिखने के लिए कविता लिखना अच्छी बात नही है....कुछ ऐसा लिखो कि किसी का भला हो...किसी को बात चुभ जाए....किसी को प्रेरणा मिले...महावीर सर ने एक दिन क्लास में कहा था कि वो पत्रकार ही कैसा जिसके चार दुश्मन ना हों...... मै इतना अनुभवी तो बिल्कुल नही हूं कि तुम्हें कुछ बताऊं.....कुछ कहने में बहुत संकोच हो रहा है....बट मैने सुना है जो डर गया सो मर गया...और मै मरना नही चाहता हूं....इसलिए लिख रहा हूं....तुम जैसों से कुछ उम्मीद है.....इस लिए लिख रहा हूं.....तुम मेरे पीढ़ी की हो इसलिए लिख रहा हूं.....राहुल गांधी को देख लो....अपने पीढ़ी के लोगों से उन्हें काफी उम्मीद है...हालांकि उनका मकसद नापाक है....बट प्रयास कर रहे हैं.....किसी के कहने से नही रूकते...मै भी नही रूकूंगा...( बगैर कोई गलती किये भी ) अपने दुस्साहस के लिए माफी चाहूंगा....
जवाब देंहटाएंvah vah vah....
जवाब देंहटाएंwhat you write like schooling child poem...we want iron....i dnt like it dear
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