सोमवार, 25 जुलाई 2011
महोदया गुस्ताखी के लिए क्षमा चाहूंगा...
चलो देश से गरीबी और बेरोजगारी हटायें....
चलो भ्रष्टाचारी नेताओं से छुटकारा पाएं....
चलो फेसबुक और कैव्स के माध्यम से एक क्रांति लाएं....
ऐसा कुछ भी तो लिखा जा सकता है....
आपको पूरी आजादी है....जो चाहें लिखें....
लेकिन गुजारिश है कि.....
धूप को भी छाता ओढाएँ
हवा को ऊचा उड़ना सीखायें
बादल को निचोड़ कर बारिश बनाये......
की बजाय प्रैक्टिकल बातों को लिखें....
ताकि कोई प्रेरणा ले सके....
हम लोग युवा हैं....मजबूर युवा.....
हम सिर्फ तमाशा देख रहे हैं....
हमें किसी प्रेरणा की जरूरत है....
हमसे भी कोई कहे कि का चुप साधि रहे बलवाना.....
और ये कहने वाला कोई आकाश से नही आयेगा...
हमें खुद एक-दुसरे के लिए प्रेरणा बनना होगा....
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me aap ki bat se 100 % sahmat hu ......
जवाब देंहटाएंप्रवीण जी आप मेरी बात से 100 परसेंट सहमत हैं...अच्छी बात है।
जवाब देंहटाएंनिवेदन है कि आप कैव्स टुडे के शान में चार चांद लगायें.... मतलब आप भी कुछ लिखा करें....भोपाल से मुझे ही नहीं ढेरों लोगों को लगाव है...मुझे यूपी के मंत्री और विधायकों के बारे में उतना नहीं मालूम है...जितना मै मध्य प्रदेश और भोपाल को जानता हूं.....ज्यादा नहीं कहूंगा...भावनाओं को समझने का .....ओकेज