मुकेश, पत्रकार
वर्तमान - प्रभात खबर, पटना में कार्यरत
इनका ब्लॉग- www.kahakahi.blogspot.com
लम्बे समय से कला-संस्कृति पर काम कर रहे हैं. कई महत्वपूर्ण साक्षात्कार इनके हिस्से में हैं. उन्ही में से एक साक्षात्कार निदा फाजली के साथ, जिसके बात-चीत के अंश वो cavs today के जरिये आप तक पंहुचा रहे हैं...........
तू इस तरह से मेरी ज़िन्दगी में शामिल है...., होश वाले को खबर क्या ज़िन्दगी क्या चीज़ है... आदि लिखे गानों से लोगों की दिलों में बसने वाले निदा फाज़ली का पटना आना महज एक संयोग था. वे पटना १२ दिसम्बर २००९ को सिमेज के पटना एक प्रोग्राम में आये थे. नए
पौध के संग निदा फाजली ने कुछ समय बिताये तो कुछ पल हमे भी उनसे मुलाकात का मौका मिला. जब मिले तो लगा ही नहीं की मै उसी अजीम शायर से मिल रहा हु, जिनके लिखे गाने अक्सर गुन गुनाया करता था. मैंने उनसे पूछा शायरी लिखने की प्रेरणा कहा से मिली
, इस सवाल पर वे कहने लगे की पूरा संसार प्रेरणाओं की एक पाठशाला है, उड़ाती हुई चिड़ियाँ , जगमगाता आकाश , हमारे आपके सम्बन्ध और वास्ते सभी से प्रेरणा ली जा सकती है. आँखे खोलकर जीयें तो सब प्रेरणा देने को तैयार होता है. सड़क से लेकर आकाश में चमकते सितारों तक में प्रेरणा है , लेकिन शर्त है की प्रेम का रिश्ता बनायें. जब रिश्ता बन जाता है तो एक नारी माँ बन जाती है, पुरुष पिता बन जाता है. रिश्ता नहीं होता है तो अजनबी बन जाते हैं . इसलिए इंसान बन कर इंसानियत पैदा कीजिये. उनका मनन है की बच्चो को हँसाना जीवन की सबसे बड़ी पूजा और परम शक्ति है. यह कहकर उन्होंने तमन्ना फिल्म के लिए अपने लिखे गाने अपना गम लेकर कही नहीं को जाया जाये किसी रोते हुए बच्चे को हंसाया जाये सुनाये . जवानी का रंग पोलिटिक्स की तरह कच्चा नहीं
निदा फाजली कहते हैं जो हम जी चुके हैं वो अतीत है, जो आने वाला है वह भविष्य है और जो हमारे सामने है वह वर्तमान है. और वर्तमान स्टुडेंट है. उन्होंने कहा यहाँ बच्चों के बीच आकर मै उनकी उम्र में साँस लेने लगा हूँ बच्चा या जवानी बहुत सच्चा होता है, अच्छा होता है, उसका रंग पोलिटिक्स की तरह कच्चा नहीं होता...
nida faazli |
तू इस तरह से मेरी ज़िन्दगी में शामिल है...., होश वाले को खबर क्या ज़िन्दगी क्या चीज़ है... आदि लिखे गानों से लोगों की दिलों में बसने वाले निदा फाज़ली का पटना आना महज एक संयोग था. वे पटना १२ दिसम्बर २००९ को सिमेज के पटना एक प्रोग्राम में आये थे. नए
पौध के संग निदा फाजली ने कुछ समय बिताये तो कुछ पल हमे भी उनसे मुलाकात का मौका मिला. जब मिले तो लगा ही नहीं की मै उसी अजीम शायर से मिल रहा हु, जिनके लिखे गाने अक्सर गुन गुनाया करता था. मैंने उनसे पूछा शायरी लिखने की प्रेरणा कहा से मिली
, इस सवाल पर वे कहने लगे की पूरा संसार प्रेरणाओं की एक पाठशाला है, उड़ाती हुई चिड़ियाँ , जगमगाता आकाश , हमारे आपके सम्बन्ध और वास्ते सभी से प्रेरणा ली जा सकती है. आँखे खोलकर जीयें तो सब प्रेरणा देने को तैयार होता है. सड़क से लेकर आकाश में चमकते सितारों तक में प्रेरणा है , लेकिन शर्त है की प्रेम का रिश्ता बनायें. जब रिश्ता बन जाता है तो एक नारी माँ बन जाती है, पुरुष पिता बन जाता है. रिश्ता नहीं होता है तो अजनबी बन जाते हैं . इसलिए इंसान बन कर इंसानियत पैदा कीजिये. उनका मनन है की बच्चो को हँसाना जीवन की सबसे बड़ी पूजा और परम शक्ति है. यह कहकर उन्होंने तमन्ना फिल्म के लिए अपने लिखे गाने अपना गम लेकर कही नहीं को जाया जाये किसी रोते हुए बच्चे को हंसाया जाये सुनाये . जवानी का रंग पोलिटिक्स की तरह कच्चा नहीं
निदा फाजली कहते हैं जो हम जी चुके हैं वो अतीत है, जो आने वाला है वह भविष्य है और जो हमारे सामने है वह वर्तमान है. और वर्तमान स्टुडेंट है. उन्होंने कहा यहाँ बच्चों के बीच आकर मै उनकी उम्र में साँस लेने लगा हूँ बच्चा या जवानी बहुत सच्चा होता है, अच्छा होता है, उसका रंग पोलिटिक्स की तरह कच्चा नहीं होता...
मुकेश जी पहले तो आपका हमारे केव्स परिवार में स्वागत है....आपको निदा फाजली से मिलने का मौका मिला और बातचीत के दौरान साधारण पर काफी उर्जावान बातें काफी अच्छी लगी...
जवाब देंहटाएंji, thank u
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