मैं मानता हूँ मुख्य आत्मा ही है. इसी तरह से इस ब्लॉग की आप लोग आत्मा हैं.
कैव्स टुडे व्यक्तिवादी नहीं है. सबका है, सबके लिए है. इसी भावना से यह पिछले एक साल से बढ़ रहा है. जिसमे आपकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है. इस परिवार के निर्माण का उद्देश्य भी आपस में जुड़ना है. एक सामूहिक आवाज बनना है. जिसमे यह अभी बीस प्रतिशत काम ही कर सके है. अस्सी प्रतिशत की उम्मीद है, आशा है.
एक महत्वपूर्ण बात जिस पर आपकी सच्ची प्रतिक्रिया चाहता हूँ -
यह मेरा सोचना है, हो सकता है इससे आप इत्तेफाक न रखे या फिर हो सकता है की आप का रास्ता अलग हो तो आप इसमें रूचि न ले..
मेरे एक परम मित्र परमार ने मुझे कल एक सलाह दी..... दूसरो से उम्मीद छोड़ो. खुद आगे बढ़ो. मुकाम हासिल करो, फिर बदलाव करना. लेकिन मुझे लगता है की हम सबकी मंजिल एक है, रास्ते अलग- अलग हो सकते हैं तो हम सब मिलकर कुछ कर सकते हैं. खास वहा जहा कुछ अर्थ यानी धन नहीं लग रहा.
मेरे कुछ सवाल है आपसे
१.क्या हम केव्स टुडे को अपने कंटेंट से एक मजबूत स्तम्भ नहीं बना सकते ?
२. क्या हमारी लेखनी या किसी चीज की देखने की दृष्टि समाप्त हो चुकी है ?
३. हम क्यूँ राष्ट्रीय मुद्दे में अपने विचार देकर उसे हाई क्लास रखते है? क्या ज़मीन पर आँख के सामने घट रही छोटी घटनाओं को नहीं लिख-पढ़ सकते?
४. क्या हम उस पात्र की आवाज नहीं बन सकते जिसे सब ने छोटा मुद्दा माना या फिर उसमे रूचि नहीं ली?
५. क्या इस मंच को हम अपनी भाषा, कंटेंट, स्टाइल, इत्यादि से धनी नहीं कर सकते?
मै उठाता हूँ जिम्मेदारी क्या आप तैयार हैं?
आज मैंने ब्लॉग का रंग रूप बदला है. इस उम्मीद के साथ की नयी शुरुआत किया जाए.. मै यह जिम्मेदारी भी उठाता हूँ की आपकी पोस्ट में जो भी शाब्दिक त्रुटियाँ होंगी उन्हें सुधारूँगा, हेडिंग मजबूत करूंगा. इसके अलावा जो कुछ भी लिख-पढ़ सकता हूँ. कैव्स परिवार को समर्पित करूंगा.
कई ऐसे अपने साथी इस परिवार से जुड़े जिनके नाम केवल एक किनारे लिखे हैं. उनका योगदान नहीं मिला लेकिन उम्मीद ही बनी रही की कम से कम जुड़े हैं.
आप अपने तेज से रोज प्रकाश दे रहे हैं. इसकी चमक दिनों-दिन बढ़ रही है. ब्लॉग की सुन्दरता आपके लेखन से है. चलो इसे सुन्दर बनाए.....
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