बुधवार, 16 जून 2010
वक्त आ गया विदाई का ...................
दोस्तों माखनलाल विश्वविद्यालय में हम लोगों का दो साल पूरा हो गया .....आज अक्षर पत्सारिया ने कहा कि मिश्रा जी आप लोग जाने वाले हो मुझे बहुत दुःख हो रहा है.....कलेजा मजबूत करके मैंने कह दिया इमोशनल नही प्रोफेसनल बनो....लेकिन मै खुद प्रोफेसनल नही बन पाया.....आगे क्या लिखूं कल क्राईम रिपोर्टिंग का इक्जाम .........बट आई विल मिस यू.........
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ji indli ji dhayvad mai time nikalkar indli dekhunga
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