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शनिवार, 22 जनवरी 2011

ब्रेकिंग न्यूज़ की बदलती शक्ल..

आजकल बड़ी ही ऊहापोह की स्थिति मै हूँ...जब दिन भर घूमकर कमरे पर जाता हूँ...तो मेरा एक जूनिअर...खैर वो जूनियर कम भाई ज्यादा है...साथ रहते रहते आत्मीयता और पारिवारिक माहौल बन गया है.....मेरा जूनियर अक्सर भोपाल में छोटे छोटे चैनलों की की आई बाढ़ के बारे में पूंछता है...कुकुरमुत्ते की तरह चैनल खुल गए हैं..क्या होगा कृष्णा भैया भविष्य का...कैसे कटेगा पूरा जीवन...छोटा कहीं हताश न हो...इसलिए हमेशा उसे समझाइश देता रहता हूँ...आशीष संघर्ष करो...मजा आएगा...जब सफलता तुम्हारे कदम चूमेगी...पर दरअसल बात ये है...कि इलेक्ट्रोनिक मीडिया की पत्रकारिता को देखकर मैं भी परेशान हो जाता हूँ...कभी दिन भर हंसी के ठहाकों का चलना...तो कभी पुराने रेकॉर्डेड कार्यक्रम चलाकर दर्शकों को बेवकूफ बनाना...या बाईट के नाम पर कहीं पर भी कट लगाकर किसी को फ़साना...अजीब लगता है सब...अब एक चैनल जो खबर चलाता है कि जस्टिस के यहाँ फटा दूध...प्रमुख सचिव को काटा कौवे ने...बस इस तरह की पत्रकारिता में कैसे कटेगी जिंदगी...
एक बानगी देखिये जरा...

जस्टिस जैन के घर फटा दूध.. (bhadas4media से साभार)

ईटीवी, राजस्थान पर आजकल कुछ इसी तरह के न्यूज फ्लैश किए जाते हैं. पट्टी पर चलने वाली खबरों का स्तर बेहद गिरा है. कुछ भी चला दिया जाता है.

किसी के घर दूध फटा तो किसी ने चाय पी.... जैसी स्थितियां भी अब न्यूज है. संभव है रीजनल न्यूज चैनलों के लिए ये खबर हो. पर आप क्या मानते हैं. इस तस्वीर को ध्यान से देखिए और बताइए कि आखिर जस्टिस जैन के घर का दूध किसने फाड़ा होगा? क्या किसी आतंकवादी ने? या सरकारी साजिश है? या ग्वाले ने? आखिर किसने फाड़ा होगा पूर्व जस्टिस एनके जैन के घर का दूध....???:)

ब्रेकिंग न्यूज... मुख्य सचिव को कौवे ने काटा


ज़रा, एक और बानगी देखिये. इसे ETV, Rajasthan की पट्टी कहते हैं... "मुख्य सचिव एस अहमद को कोवे ने काटा".

अब ऐसे में जब चैनल मक्खनबाजी में ही जुटा है...तो फिर आम जानता की बात कौन करेगा...भोपाल का भी एक चैनल है...जिसमे साफ़ तौर पर निर्देश दिया गया है..कि मुख्यमंत्री के खिलाफ कुछ नहीं बोलना है...ऐसी ख़बरें चलाना साफ़ तौर पर प्रतिबंधित की गई है....पता नहीं कहाँ ले जाएगी हमें ये बे सर पैर की पत्रकारिता.....चिंतन और मनन...मै आप लोगों पर छोड़ता हूँ...

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