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रविवार, 14 अगस्त 2011

भ्रष्टाचारियों के चिताओं पर शुशु करेंगे हर वर्ष कुत्ते.....गरीबों का पैसा डकारने वालों को हासिल यही मुकाम होगा...






















देश
में भ्रष्टाचार के खिलाफ माहौल बन गया है... अन्ना हजारे तो सिर्फ एक बहाना मात्र हैं....दरअसल विगत कुछ वर्षों में भ्रष्टाचार ने इतनी ऊंचाईयां छू ली हैं....कि हर किसी का ध्यान इस ओर चला ही जाता है....हमने अखबारों में यहां तक पढ़ लिया कि 2-जी स्पेक्ट्रम के केस में एक न्यायधीश के मुंह से निकला कि बाप रे बाप ये कितना बड़ा घोटाला है.....जितने रूपये का ये घोटाला हुआ है उतना जीरो तो मैने कभी नहीं देखा....खैर ये भ्रष्टाचार एक सच्चाई है.....प्रेमचंद ने नमक का दरोगा कहानी में इसी भ्रष्टाचार को उजागर किया था....उस कहानी के अंत में भ्रष्टाचारी पं अपोलीदीन उस ईमानदार दरोगा वंशीधर के घर पर जाता है.....भले ही उसने वंशीधर को नौकरी से निकलवाया था.....लेकिन वह वंशीधर की कर्तव्य परायणता से प्रभावित हुए बिना नही रह पाता.....वह वंशीधर को प्रणाम करते हुए उसे अपने सम्पत्ति का मैनेजर नियुक्त कर देता है...... लेकिन आज स्थिति ही पलट गई है......आज का सिस्टम तो भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले में ही खामी ढूंढना शुऱू कर देता है.....चाहें वह बाबा रामदेव का मामला हो या अब अन्ना हजारे का....जब तक इन लोगों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कुछ नही कहा तब तक इन्हे कुछ नहीं कहा गया....वही लोग जो इन पर आज उल्टे-सीधे आरोप लगा रहे हैं....कल तक बाबा रामदेव के भक्त थे....उनके शिविर में जाते थे....योगा करने....उनको माला पहनाने....लेकिन ज्योंही बाबा रामदेव ने कान पकड़ने की कोशिश की तो बाबा के भक्त गिरगिट के माफिक रंग बदल लिये.....और बाबा को ठग कहने से नहीं चुके....उन्हें बाबा रामदेव की 1100 करोड़ का साम्राज्य अखड़ने लगा.....और आज वही लोग अन्ना हजारे पर भी ट्रस्ट के 2.2 ला रूपये के दुरूपयोग का आरोप लगा रहें है....सवाल ये है कि ये लोग वर्षों तक चुप क्यों रहें....सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने पर ही बाबा रामदेव और अन्ना पर आरोप क्यों लगाया गया....मतलब साफ है....ये लोग देश के ज्यादातर राजनितिक पार्टियां चोर-चोर मौसेरे भाई के सिंद्धांत पर काम करती हैं.....और एक-दुसरे की गल्तियों को याद दिलाकर ही एक-दुसरे को शांत कर देती हैं.....लेकिन इस बार इन बेईमान शेरों को अन्ना के रूप में एक ईमानदार बब्बर शेर मिल गया है....आर-पार का निर्णायक समय गया है....अंत में हेडलाईन .... भ्रष्टाचारियों के चिताओं पर शुशु करेंगे हर वर्ष कुत्ते.....गरीबों का पैसा डकारने वालों को हासिल यही मुकाम होगा.....को दोहराते हुए अपनी बात को समाप्त करता हूं...













.जय हिंद......जय हिंद......जय हिंद.....अन्ना गो अहेड..... वे आर विद यु .

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