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मंगलवार, 10 मई 2011

पूरी धरा जो साथ दे तो और बात है........

जय श्री राम........
पूरी धरा जो साथ दे तो और बात  है........
तू जरा  जो साथ दे तो और बात है.........
यूँ तो एक पैर से भी चल लेते हैं लोग........
दोनों जो साथ दे तो और  बात है.....

ये कैसा कानून है......
हम वर्षों से " हिन्दू -मुस्लिम  भाई-  भाई"  ये नारा लगा रहे हैं ....
तो दोनों भाइयों को गलत फहमी में क्यूँ रखा जा रहा है....
अयोध्या में किसी का तो हक़ होना ही चाहिए.....
राम मंदिर था ये अकाट्य सत्य है.....
माना कि कानून अँधा होता है.....
ये सबूत के आधार पर फैसला करता है....
लेकिन इतना भी अँधा नही हो जाना चहिए की एक पीढ़ी की गलतियों को लेकर दुसरे पीढ़ी के लोग ढोएँ....
हम आपस मे कब तक लड़ेंगे.....
सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करना अलग बात है....
लोकतंत्र में ये जरुरी है.....
लेकिन राम के अस्तित्व की अवहेलना भी हमे स्वीकार नही है.....
हमारे जीवन के हर मोड़ पर राम का चरित्र हमे राह दिखाता है....
हमने किसी को रोका नही की वो अपने अराध्य के चरित्र से सीख न ले....
उसका पूजा - दर्शन न करे.....
हमे भी मत रोको.....
भगवान के लिए.................
इस मुद्दे पर अंतिम फैसला करो....
संविधान में परिवर्तन की जरूरत हो तो करो....
जब तक अंतिम फैसला नही हो जाता.....
तब तक शासक वर्ग धर्म -जाती  पर राजनीती करते रहेंगे.....
आरक्षण - को बढ़ावा  मिलता रहेगा.... 
ये हमे स्वीकार नही है......
समानता का अधिकार कहां रह गया है.......
आगे मेरे पास ज्यादा तर्क नही है.....
मै प्रार्थना  करता हूँ की राम खुद आकर राम- राज लायें....



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