शनिवार, 15 अक्तूबर 2011
अब अगर प्रतिभा आडवाणी राजनीति में आती हैं तो, राजनितिज्ञों से बचा-खुचा विश्वास भी खत्म हो जाएगा......
भारत के नेताओं और भ्रष्टाचार का चोली दामन का साथ है....16 अगस्त को जब अन्ना ने अपना अनशन शुरु किया था तब कांग्रेसी नेता संजय निरुपम ने भरी लोकसभा में कहा था विपक्ष ये न कहे कि वे पाक-साफ हैं, उनका दामन थोड़ा साफ जरुर हो सकता हैं मगर हैं सभी लोग भ्रष्ट। फिर भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने उनके बयान पर ऐतराज जताते हुए कहा कि संजय निरुपम की बात गलत है, सारे नेता भ्रष्ट नहीं हैं। यहां कुछ लोग मूल्यों की राजनीति करते हैं...और तब संजय निरुपम ने लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के हस्तक्षेप के बाद अपना बयान यह कहते हुए वापस ले लिया कि अध्यक्ष महोदया ....जनता की नजरों में सारे नेता चोर हैं। कुल मिलाकर यह बात अगर मैं कहूं कि भारत के सारे नेता चोर हैं.....( और अगर किसी जिम्मेदार नेता या एजेंट तक कैव्स टूडे पर लिखी गई मेरी बात पहुंच गई और उसने गंभीरता दिखाई )...तो मुझ पर न जाने कौन-कौन सी धारा और कानून लगा दिया जाएगा मुझे नहीं मालूम....और मै अपने बचाव नहीं कर पाउंगा ये बात मुझे अच्छी तरह मालूम है, इसलिए मै कांग्रेसी नेता संजय निरूपम जी के बात से अपनी बात को जोड़ रहा हूं। आज हमारे देश में हर राज्य सरकार किसी न किसी घोटाले के आरोप का सामना कर रही है....चाहें कांग्रेस की सरकार हो, भाजपा नीत एनडीए हो, सपा रही हो या बसपा...करूणानिधि रहें हो या जयललिता......दामन किसी का उजला नहीं है....फिर भी देश में कुछ नेता आज भी ऐसे हैं जिन पर कमसे कम भ्रष्टाचार का तो आरोप नहीं है.....उन नेताओं में वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, सोनिया गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी जैसे लोगों का नाम शामिल है। हालांकि सोनिया जी पर कुछ रूपए-पैसे का आरोप कभी कभार सुनने को मिलता भी है तो वह छुटभैया टाईप के लोग ही लगाते हैं, जो कि ध्यान देने योग्य नहीं है। अब मुख्य बात मै जो कहना चाह रहा हूं वो यह है कि भारत की राजनितिक व्यवस्था मे भ्रष्टाचार ही नहीं परिवारवाद भी एक गंभीर बिमारी है,,,,,जिसका कोई इलाज नहीं है। तमिलनाडु में करूणानिधि परिवार,आन्ध्र प्रदेश में वाईएस राजशेषर रेड्डी के बाद उनके पुत्र जगन मोहन रेड्डी, उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव परिवार, मध्य प्रदेश में दिवंगत कांग्रेसी नेता अर्जुन सिंह के पुत्र राहुल भैया, पश्चिम बंगाल में प्रणव मुखर्जी के सुपुत्र , हरियाणा मे ओम प्रकाश चौटाला एंड संस, भजनलाल के पुत्र कुलदीप विश्नोई जैसे नेता परिवारवाद के भार को बडी ही जिम्मेदारी के साथ ढो रहे हैं,,,,,,सबसे बड़ा उदाहरण उस नेताइन( सोनिया गांधी ) के सुपुत्र राहुल गांधी हैं जिन्हें मैने अटल और आडवाणी के साथ स्थान दिया है। अब सुनने में आ रहा है कि लालकृष्ण आडवाणी जी की सुपुत्री प्रतिभा आडवाणी भी राजनीति में आने वाली हैं.... ( प्रतिभा आजकल आडवाणी जी की रथयात्रा में उनके साथ चल रही हैं,,,, उन्हे मैने भोपाल मे आडवाणी जी के जन्मदिन के अवसर पर रविन्द्र भवन में देखा था॥उनकी डाक्यूमेंट्री फिल्म देखी थी....तो उनके हाव-भाव या बोली विचार से ऐसा नहीं लगा कि वे राजनीति में रूचि रखती हैं। )....आडवाणी जैसे नेता अगर परिवारवाद को बढ़ाएंगे ऐसा मुझे नहीं लगता....फिर भी अगर ऐसा हो गया तो फिर राजनेताओं पर से विश्वास करना मुश्किल हो जाएगा। भाजपा शासित राज्य कर्नाटक और उत्तराखण्ड में जिस तरह से भ्रष्टाचार की वजह से सीएम बदलने के समाचार आए उससे तो साफ हो गया कि भ्रष्टाचार के मामले में बीजेपी भी पाक साफ नहीं है.....हालांकि इस मामले में बीजेपी से पाक-साफ कोई दुसरी पार्टी भी इस समय नहीं है,,,,,,लेकिन प्रतिभा आडवाणी के राजनीति में प्रवेश करते ही यह साफ हो जाएगा कि भारत में फिलहाल कोई नेता निस्वार्थ राजनीति नहीं कर रहा है....सारे नेता दौलत कमाने और अपने पुत्र-पुत्री को लोकसभा, राज्यसभा- विधानसभा में पहुंचाने में ही जुटे हैं....अगर ये नेता अपना स्वार्थ नहीं त्याग पाते हैं और आम आदमी का विश्वास ये इसी तरह तोड़ते रहें तो इन नेताओं को भारत के गरीब जनता का हक खाने का परिणाम किसी न किसी रूप में भुगतना ही पड़ेगा।
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क्या गारंटी आडवाणी की…
जवाब देंहटाएंkab tak aur kitna bhugtegee jantaa? antviheen bahas jaisa savaal hai yah.
जवाब देंहटाएंab to lagne laga hai kee in jaiso ke aachran par kalam ghisna dimaag lagaana samay jaaya karne jaisa hai.
bahut din baad aaye aaditya bhai. aapka intzaar tha. advaani ke pratibha me kitna prtibha hai. yah aane vaala samay bataayega. achha laga aap cavs manch par aaye
advani ki pratibha me agar rajniti ki zara bhi pratibha hai ........ to wakayi kamal ho yajega bandhu ............
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