any content and photo without permission do not copy. moderator

Protected by Copyscape Original Content Checker

मंगलवार, 10 मई 2011

शर्मा जी, क्रिकेट और उनके बर्फ के गोले.......

boltikalam.blogspot.com

शर्मा जी और उनके बर्फ के गोलों को भूल नही सकता .... कम से कम जब तक मैं भोपाल में हूँ तब तक तो नही.... दरअसल जिन शर्मा जी की बात मैं अपने ब्लॉग में कर रहा हू....उनसे अपनी मुलाकात एक कवरेज के दौरान भोपाल के बोट क्लब में हुई..... उसके पास शर्मा जी अपना ठेला हर दिन लगाया करते है .......

शर्मा जी क्रिकेट का बड़ा शौक रखते है..... उनसे मेरी पहली मुलाकात वर्ल्ड कप के मैचो के दौरान हुई....उन दिनों देश वासी भारत की जीत के लिए जहाँ कामना किये जा रहे थे वही शर्मा जी ने टीम इंडिया के वर्ल्ड कप जीतने पर अपनी दुकान का सारा सामान तक फ्री कर दिया था.... मुकेश शर्मा वर्षो से भोपाल में आइस क्रीम बेचने का काम किया करते आ रहे है.... शादियों के मौसम में आप शर्मा जी की इस आइस क्रीम का लुफ्त उठाये बिना नही रह सकते॥ हमारे बोट हाउस वाले शर्मा जी भी अपनी आइस क्रीम की सेवा शादियों के सदाबहार मौसम में दिया करते है.....

शर्मा जी की क्रिकेट की दीवानगी को देखकर मैं भी चौक गया .... बचपन में कभी मैं क्रिकेट का कीड़ा हुआ करता था..... लेकिन मैच फिक्सिंग के बाद मेरा खेल को लेकर लगाव ख़त्म सा हो गया .... लेकिन वर्ल्ड कप के मैचो को लेकर मेरा दीवानापन फिक्सिंग के बाद भी कम नही हुआ क्युकि पिता जी से लड़ झगड़कर एक कलर टीवी की व्यवस्था उस दौर में घर में करवा ली....शायद ये ८ साल पहले की बात होगी.... टी वी देखने पर घर वाले डांट दिया करते थे.....कहते थे पदाई लिखाई नही करनी है क्या? हर समय क्रिकेट क्रिकेट करते हो.... टी वी से चिपके रहते हो या हर समय पेपर पड़ते रहते हो .... दरअसल हमारे पूरे परिवार में पत्रकारिता को लेकर किसी के मन में उतना लगाव नही था... क्युकि उत्तराखंड जैसे राज्य में सेना के अलावा किसी फील्ड में बेहतर सम्भावना नही दिखती थी..... ...उस समय उम्र कच्ची थी इसी कारन अक्ल का कमजोर था... समझ नही पाया मेरे जैसे कई लोग है इस देश में जो क्रिकेट को लेकर उत्सुकता रखते है.... आज बड़ा होने पर जब शर्मा जी का शौक देखा तो अपने बचपन की यादो में कही खो सा गया........

शर्मा जी ने भारत की टीम के वर्ल्ड कप जीतने पर भोपाल वासियों को निशुल्क आईस क्रीम की सौगात देने की बात कही .....जिसे उन्होंने पूरा भी किया.... बोट क्लब में फ्री में खाने वालो की लाइन लग गई....मुकेश से जब मैंने बात की तो उसने बताया उसे बचपन से क्रिकेट का शौक है ....सचिन की टीम में खेलने की तमन्ना थी वह तमन्ना तो पूरी नही हो पायी अब क्रिकेट के नाम पर आईस क्रीम का कारोबार कर गुजर बरस कर रहा है ..... आई पी एल जैसी स्पर्धाओ में भी शर्मा जैसे क्रिकेट के शौकीनों का खवाब पूरा नही हो पाया....भले ही टीम इंडिया के लिए खेल नही पाये लेकीन आई पी एल के मैचो में अपना स्टाल लगाकर अपना शौक पूरा कर लेते.... 20- २० के दौर में जहाँ तमाशा क्रिकेट खेली जा रही हो वहां खिलाडियों की तो मंडियों में बोली लग रही है शर्मा जी की कोई पूछ होगी क्या ?

शर्मा १९८३ में भारत की टीम के जीत के नज़ारे को नही देख पाये लेकिन इस बार २८ साल के जीत को उन्होंने अपनी आखो के सामने देखा तो ख़ुशी के आंसू छलक आये.....जब युवराज सचिन अपने को नही रोक पाये तो भला शर्मा जी जैसे लोगो की क्या बिसात जिन्होंने अपने रोल मॉडल नायक के लिए आईस क्रीम के सेण्टर तक खोल डाले और उनके वर्ल्ड कप जीतने की ख़ुशी में सबको आईस क्रीम खिलवाये जा रहे थे.....

मुझे भी शर्मा जी ने अपनी दुकान से उस दिन आईस क्रीम खिलवायी.....इस आईस क्रीम की याद और क्रिकेट के प्रति ऐसे जूनून को कभी नही भूल पाऊंगा .....कम से कम जब तक भोपाल में हूँ और झील की छठा का आनंद लूँगा तब तक शर्मा जी की याद मेरे जेहन में बसी रहेगी .... ये अलग बात है ललित के साथ देहरादून की गलियों में शर्मा जी की मिठास वाली आईस क्रीम अपन को नसीब नही हो सकेगी ......साथ ही शब्बन चौराहे और लिली टाकीज के पास मिलने वाले केले और पपीते मुझे नसीब नही हो पाएंगे .....हाँ हरिद्वार में गंगा के घाट पर आध्यात्मिक शांति जरुर मिलेगी.......


वर्ल्ड कप जीतने के बाद जब भी शर्मा जी के ढाबे में जाता हूँ तो वह बड़ी आत्मीयता से आज भी मुझे आईस क्रीम और कोल्ड ड्रिंक पिलाते है .....बदले में जब रुपये देता हू तो लेने से इनकार कर देते है.... शर्मा जी की इस कहानी तो मैंने सभी समाचार चैनलों और पेपरों में पहुचाने की कोशिश की .... एक आध चैनलों को छोड़कर किसी ने उनकी खबर नही चलायी......

दरअसल हमारा मीडिया भी बिकाऊ हो गया है..... अपना विवेक ठीक कहता है पेड़ न्यूज़ का जमाना है......जनसरोकारो वाली पत्रकारिता नही हो रही है......राखी सावंत की चुम्मा चाटी और हसी के रसगुल्लों वाली पत्रकारिता आज हो रही है .....ऐसे में शर्मा जी की खबर को सुर्खिया नही मिल पाती है ..... लेकिन इन सब के बाद भी शर्मा जी के मन में किसी तरह की निराशा नही है... कुछ लोग होते है जिन्हें प्रचार की जरुरत होती है परन्तु कुछ ऐसे होते है जो प्रचार प्रसार माध्यमो के मोहताज नही होते ... वह अपना काम बेरोकटोक करते रहते है.... शर्मा जी की इसी अदा का मै कायल हो गया हूँ ..........मीडिया को कवरेज के लिए प्रलोभन देने वाले लोगो को शर्मा जी से आज प्रेरणा लेने की जरुरत है........

1 टिप्पणी:

  1. शर्मा जी को प्रणाम.....

    शर्मा जी के बारे में बताने वाले पत्रकार महोदय को भी प्रणाम......

    राखी सावंत को अब कौन देखता है यार......

    अब तो हर गली मोहल्ले में एक राखी सावंत घुमती है.....

    ललित से पूछ लेना.....उसके रूम के सामने ही एक राखी सावंत रहती थी......इक्जाम में बहुत मजा आता था......

    खैर बात शर्मा जी की हो रही है तो......
    उनके जैसे लोग हैं तभी तो देश है........
    jay hind....

    जवाब देंहटाएं