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रविवार, 1 अगस्त 2010

ये दोस्ती दिवस या फिर कोई और दिवस ...जरा सोचये..............


दोस्ती दिवस यानि फ़्रेन्डशिप डे.... दोस्तों इन दिनों मेरा देहरादून किसी काम से आना हुआ है ॥ ०१ अगस्त कों मेरे परम मित्र विवेक मिश्रा का सुबह -सुबह मेरे पास फोन आया....... और उसने sidhe -sidhe मुझे फोन पर दोस्ती divas की बधाई de dali और कहा मित्र आपको फ्रेंडशिप डे की लख लख बधाईया एक बार तो में सोच में पड गया की मेरा मित्र किस लिए मुझे बधाई दे रहा है। जब उसने कहा मित्र आज आज दोस्ती दिवस है । इस लिए आपको बधाई दे रहा हूँ । ..... क्या आपको नहीं पता आज फ्रेंडशिप डे है ........? मैंने कहा नहीं तो ।........................ फिर मैंने उसको सीधे- सीधे बताया की मित्र देखो एक दिन के लिए फ्रेंडशिप डे कह देने से लोग सदा के लिए दोस्त नहीं बनते दोस्ती होती है तो बस दिल से ............ अगर आपके लिए किसी के प्रति ज़रा सा भी प्रेम , इसनेह , दया , जैसी भावना है तभी आपकी दोस्ती आगे बढ़ सकती है .................

.........खेर .... मैंने मदर डे, फादर डे, किस्सडे, रोज़ डे। परेंट्स डे ...................... इन सभी के बारे मैंने अक्सर सुना है पर इस फ्रेंडशिप डे कों पहिले बार सुना (मेरे लिए तो पहिले बार लेकिन ओरो के लिए शायद कितने ही बार हो ..........)मुझे नहीं पता मेरे भारत में कितने दिवस रोज़ मनाये जाते है... जैसे १ अगस्त कों मेरा किसे काम से सिटी के अंदर जाना हुआ तो तो मैंने देखा शहर की तमाम सिटी बसों में नव युवक जोड़ो की भीड़ देखने कों मिली, साथ ही साथ शहर की तमाम दुकाने और रेस्टोरेंट कों सजते हुए देखा गया । जंहा पर हर नव युवक अपनी महिला मित्र के लिए हैण्डबैंड और फूल जैसी चीज़े खरीदते हुए दिखाई पड़े ............परेड ग्राउंड (देहरादून ) के पास गाँधी पार्क आज इन लोगो के लिए ये मीटिंग पॉइंट बना हुआ था । जब में इस गार्डन में गया तो मैंने देखा की park के हर एक में नव युवक अपनी महिला मित्र कों लेकर बेठे थे ..............पार्क की ऐसी कोई भी भी जंगह नहीं थी जंहा पर में बेठ सकता ..... लेकिन मेरे बेठने के लिए वह पर जंगह नहीं थी । देहरादून का गाँधी पार्क शहर का सबसे बड़ा पार्क माना जाता है। अब इस बात से अंदाज़ा लगा सकते है की की पार्क में कितनी भीड़ होगी और बगीचे के अंदर नव युवक जोड़ो की चहल कदमी करते हुए देखे गया । एक दुसरे से बात करके कहते की आप बहुत ही अच्छे हो। तो कोई कहता की आप मेरा ज़िन्दगी भर साथ दोगी न इस परकार के तमाम वाकये सुनने कों मिले ............. लेकिन मेरे भारत की इस यंग ब्लड जेनरेसन कों आखिर हो क्या गया .... जो देश की संस्क्रती कों डूबने पर तुली है .... अगर उनमे से में किसे ये पूछ लेता की देश में कुछ चले रहा है तो शायद ही कोई बता पाता .... लेकिन नहीं वेस्टर्न कल्चर कों आगे बढ़ने में लगे हुए है .......... देहरादून में मेने यंहा के युवको में एक अलग सा ट्रेंड देखा जो मैंने भोपाल में भी नहीं देखा .........भारतीय कल्चर की धजजी उड़ाते ये युवक क्या आपनी साख बचा पाएंगे या फिर प्रेम की चाह रखने वाले ये युवक डिप्रेसन का शिकार होंगे बिलकुल हमारे दोस्त सनसनी की तरह ? इन का भविष्य क्या होगा कहना मुश्किल है ................ मेरे नज़र जब वंहा पर बेठे गेर महिला मित्र युवको पर गयी तो मैंने पाया की ये युवक अपनी मानसिकता के साथ गुना भाग लगा रहे थे .....

6 टिप्‍पणियां:

  1. dhanyavaad aapka pahla lekh-vichaar aaya,khair dost ye dosti hum nahi todenge,todenge dam magar.............

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  2. lalit bahut badhiya likha hai.....sivay ek bat chhodkar ki pared ground ke pas gandhi park me tere liye koi jagah khali nhi tha...BETA YE KYU NAHI LIKHA KI TERE SATH KOI LADKI BHI NAHI THI.....BETA AISE JAGHO PAR AKELE NAHI JATE HAIN.....YAD HAI BHOPAL ME CHHOTI JHEEL KE PAS BHI TO LADKA-LADKI BAITHE THE ...HMARE BAITHNE KE LIYE JAGAH KAHN THA WHAN....MAGAR MAINE JAGAH BNA DIYA THA NA.....APNE LIYE JAGAH BNANE KE LIYE BAJRANG DAL ME TRAINIG KENA PADTA HAI.....YA TO EK LADKI PTANI PADTI HAI...BHOPAL SE FUNTO KO HI LE GAYE HOTE....BECHARE UN LADKO-LADKIYON KO KOSTE HO....WAISE DEHRADUN KE PARED GROUD KE US PARK KO GANDHI PARK KAHTE HAIN....MAI WHAN EK SAAL RHA HU....MERE SATH BHI KOI LADKI NAHI RAHTI THI....PHIR BHI BHAGWAN KJ DYA SE APNI JAGAH BAN JATI THI.....EK BAR MERE EK DOST KO HOSTEL SE NIKAK DIYA GYA THA...WO MERA JIGRI YAR THA....USKE KAHNE PAR MAINE APPLICATION DEKAR CHHUTTI LELI THI....PURA DIN USI GANDHI PARK ME BAITHKAR BITAYE THE....US PARK KO KABHI NAHI BHULUNGA....RAT HAMNE EK DOST KE GHAR JUGAD KARKE KATI THI...AUR EK BAT AUR MERE LIYE DEHRADUN BHOPAL SE PURE EK LAKH GUNA ACHHA HAI.....I MISS BHOPAL....SALE TUNE YAD DILADI...MAN KAR RHA HAI LIKHTA JAU,,,,RAT KE 2.23 HO GAYE HAIN....TERE LEKH PAR COMMENT DENE KE LIYE ABHI TAK JAGRAN PRESS ME RUKA HUN,,....CHAL TU BHI KYA YAD RAKHEGA KI KISISE SODTI KI THI........

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  3. bahut badheea aaditya bhai lagta hai hum logo kee dosti,vichaar,jaagrookta ka yeh badheea manch ban gaya hai saath me samaaj ke liye jagah bhee ab isse achee patrakaarita kya hogi khair aage aur badheea patrakaarita karo,lalit beta ko jagah kam pad sakti hai kya,,sahi hai man jo kahe vahi likhte karte raho........

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  4. DHANYAWAD VIVEK BHAI JOAAPNE MERE COMMENT PAR COMMENT DIYA....LALIT NE BAHUT ACHHA LIKHA HAI...MUJE APNA NIJI ANUBHAV BANTNA AUR LOGO KA NIJI ANUBHAV PADHNA ACHHA LAGTA HAI.....MUJHE DUKH IS BAT KA HAI KI AAP CAVS TODAY PAR NHI LIKHTE HO.....HARSH BHAI TO CAVS TODAY PAR CHAR CHAND LAGATE RAHTE HAIN.....UNKA TAHE DIL SE SUKRIYA...BAKI AB COMMENT PAR COMMENT LIKHNE KA MAJ HI KUCH AUR HAI.....JARI RAHE....

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  5. yuor writing is exillient extra ordinary but unwanted because i could not make out your soul intension that what do you want to show with your caution mark on friendship day ....please am making request to you dear dnt write on these lavagitar soil topic....many and more has been waiting to you because may be you do somthing jara hat ke ...........samaj ke visayo par.....dnt take otherwise....i miss, what you know

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  6. yuor writing is exillient extra ordinary but unwanted because i could not make out your soul intension that what do you want to show with your caution mark on friendship day ....please am making request to you dear dnt write on these lavagitar soil topic....many and more has been waiting to you because may be you do somthing jara hat ke ...........samaj ke visayo par.....dnt take otherwise....i miss, what you know

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