रावण कौन है?
रावण को न पहचानते हो, न जानते हो
और न ही पहचानना चाहते हो।
तुम मारोगे कैसे?
तुम जाति, धर्म, सम्प्रदाय में बंटे लोग हो।
तुम संघटन, पार्टी, जमात में बंटे लोग हो।
तुम मारोगे कैसे?
वह कतिथ प्रकांड विद्वान था, बिना इजाजत
स्त्री को छूना पसन्द नहीं करता था।
अब भय, ताकत, रुतबा, पहुंच दिखाकर नोंच
रहे बालिकाओं के जिस्म को,तुमने पहचाना?
बेटी, बेटियों में फर्क करने वालो,बांटने वालो,
तुम मारोगे कैसे?
रेपिस्टों, अत्याचारियों, लिंचिंग के आरोपियों
का महिमा मंडन किसने किया और क्यों?
अनाचारियों को बचाने तिरंगा रैली और जयकारे
किसने लगाये और क्यों? तुम पहचानते ही नहीं,
तुम मारोगे कैसे?
रावण अजर, अमर है। मूर्खों की जमात और
व्यवस्था, अव्यवस्था के बीच।
बुराई, अत्याचार, अनाचार, रेपिस्टों के बीच आज
उसने फिर होने का पुख्ता सबूत दिया।
रावण को न पहचानते हो, न जानते हो
और न ही पहचानना चाहते हो।
तुम मारोगे कैसे?
तुम जाति, धर्म, सम्प्रदाय में बंटे लोग हो।
तुम संघटन, पार्टी, जमात में बंटे लोग हो।
तुम मारोगे कैसे?
वह कतिथ प्रकांड विद्वान था, बिना इजाजत
स्त्री को छूना पसन्द नहीं करता था।
अब भय, ताकत, रुतबा, पहुंच दिखाकर नोंच
रहे बालिकाओं के जिस्म को,तुमने पहचाना?
बेटी, बेटियों में फर्क करने वालो,बांटने वालो,
तुम मारोगे कैसे?
रेपिस्टों, अत्याचारियों, लिंचिंग के आरोपियों
का महिमा मंडन किसने किया और क्यों?
अनाचारियों को बचाने तिरंगा रैली और जयकारे
किसने लगाये और क्यों? तुम पहचानते ही नहीं,
तुम मारोगे कैसे?
रावण अजर, अमर है। मूर्खों की जमात और
व्यवस्था, अव्यवस्था के बीच।
बुराई, अत्याचार, अनाचार, रेपिस्टों के बीच आज
उसने फिर होने का पुख्ता सबूत दिया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें