,,,शास्त्री जी ने रखी देश की नींव
गांधी भले ही विश्व भर में प्रसिद्ध हों, लेकिन देश के गृहमंत्री और दूसरे प्रधानमंत्री मंत्री लाल बहादुर शास्त्री को देश कभी नहीं भुला पायेगा। उनका जीवन कठिन संघर्षों से भरा रहा। डेढ़ वर्ष में पिता का साया उठ गया। वो स्कूली दिनों में गर्म दोपहरी में भी नंगे पैर ही स्कूल जाया करते थे।
11 जनवरी 1966 को तास्कन्द रूस में सदमे से उनकी मौत हो गयी। उनके पास कर्ज से खरीदी फ़िएट कार, जिसका कर्ज वो pm बनने के बाद भी नहीं चुका पाये। बाद में उनकी पत्नी ललिता शास्त्री ने चुकाया। कुछ किताबें, एक लालटेन, एक बिछाने की चटाई, बैंक में मात्र 7,000 रुपये और नेहरू का दिया हुआ एक कोट ही था।
सादगी के प्रतीक रहे छोटे कद के महान व्यक्तित्व ने जय जवान, जय किसान का नारा देकर देश की नींव रखी। जिस पर ये देश खड़ा है।
वो आजीवन गरीबी में जिये और गरीबी में ही उनका अवसान हो गया।
जन्म 2 अक्टूबर 1904 मुगलसराय
शास्त्री जयंती की आप सबको बधाईयां।
गांधी भले ही विश्व भर में प्रसिद्ध हों, लेकिन देश के गृहमंत्री और दूसरे प्रधानमंत्री मंत्री लाल बहादुर शास्त्री को देश कभी नहीं भुला पायेगा। उनका जीवन कठिन संघर्षों से भरा रहा। डेढ़ वर्ष में पिता का साया उठ गया। वो स्कूली दिनों में गर्म दोपहरी में भी नंगे पैर ही स्कूल जाया करते थे।
11 जनवरी 1966 को तास्कन्द रूस में सदमे से उनकी मौत हो गयी। उनके पास कर्ज से खरीदी फ़िएट कार, जिसका कर्ज वो pm बनने के बाद भी नहीं चुका पाये। बाद में उनकी पत्नी ललिता शास्त्री ने चुकाया। कुछ किताबें, एक लालटेन, एक बिछाने की चटाई, बैंक में मात्र 7,000 रुपये और नेहरू का दिया हुआ एक कोट ही था।
सादगी के प्रतीक रहे छोटे कद के महान व्यक्तित्व ने जय जवान, जय किसान का नारा देकर देश की नींव रखी। जिस पर ये देश खड़ा है।
वो आजीवन गरीबी में जिये और गरीबी में ही उनका अवसान हो गया।
जन्म 2 अक्टूबर 1904 मुगलसराय
शास्त्री जयंती की आप सबको बधाईयां।
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