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बुधवार, 9 नवंबर 2011

खबर नई दिल्ली से.....अमर सिंह ने जिंदगी में पहली बार कोई सत्य बात कही !


बसपा के विधायकों को तोड़कर सपा में शामिल करवाने का दावा करने वाले, बिपासा बसु के साथ फोन टेपिंग मामले में चर्चा में आने वाले और 22 जुलाई 2008 को लोकसभा में विश्वास मत के लिए सांसदों को खरीदने के तथाकथित सुत्रधार कोई और नहीं माननीय अमर सिंह साहब ही हैं। कैश फॉर वोट मामले में जेल से बाहर निकलने के बाद अमर सिंह ने मंगलवार यानि की 8 नवम्बर 2011 को नई दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेस आयोजित किया। यूं तो इस प्रेस कांफ्रेस में अमर सिंह ने पत्रकारों के तमाम सवालों का जवाब दिया, लेकिन टीम अन्ना के बारे में अमर सिंह ने जो बात कही... शायद उनके मुंह से अब तक निकला वह पहला और एक मात्र सत्य है और जो देश हित में भी है। दरअसल टीम अन्ना के बारे में अमर सिंह ने कहा कि- जब टीम अन्ना ने भाजपा, सपा, बसपा और कांग्रेस सभी को भ्रष्ट कह दिया है यानि कि टीम अन्ना इन सबसे त्रस्त है। ऐसे में टीम अन्ना को चाहिए कि वह राजनिती का एक विकल्प देश को दे। अमर सिंह ने आगे कहा कि जय प्रकाश नारायण ने जब सबको भ्रष्ट कहा था तो उन्होंने एक विकल्प बना दिया था, वह विकल्प था 'जनता पार्टी' के रूप में। जयप्रकाश जी ने सारी बिखरी ताकतों को, विपक्ष में बिखरी ताकतों को एक किया था। सारी बिखरी ताकतों का समन्वय करके उन्होंने जो विकल्प दिया था वह इतना मजबूत था कि जार्ज फर्नाडीस, मधु लिम्हे और चन्द्रशेषर जैसे नेताओं के जेल में बंद होने के बावजूद जनता ने उनके नाम पर चुनाव लड़कर, नेताओं ने नहीं बल्कि जनता ने चुनाव लड़कर इंदिरा गांधी जैसी मजबूत नेता को अपदस्थ कर दिया था। अब अन्ना हजारे बताएं कि क्या वह देश के प्रधानमंत्री बनेंगे, किरण वेदी रक्षा मंत्री- गृह मंत्री बनेंगी, अरविंद केजरीवाल सूचना मंत्री बनेंगे, देश के सामने विकल्प क्या है, बिना विकल्प बताए ये कह देना कि सब चोर हैं, सब भ्रष्ट है ये आरोप लगा देना ठीक नहीं है। अमर सिंह अब चाहें जितनी बड़ी-बड़ी बात करलें लेकिन ये बात 100 प्रतिशत सच है कि आज अमर सिंह को लोग समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता होने के कारण ही पहचानते हैं। अमर सिंह जब समाजवादी पार्टी में थे तो उन्होंने बसपा के विधायकों को तोड़कर सपा में शामिल करवाया था और ये बात शायद उन्होंने खुद स्वीकार किया था...ऐसे में भारतीय लोकतंत्र के हित में उनकी उपयोगिता क्या रही है ये बताने की आवश्यकता नहीं है। किसी जमाने में अमिताभ बच्चन, सुब्रतो रॉय और मुलायम सिंह को दाएं-बाएं लेकर चलने वाले अमर सिंह की विश्वसनीयता न कभी रही है न कभी रहेगी। मुलायम सिंह के जातिवादी राजनिती को पैसे के जरिये बढ़ाने मे मदद करने के सिवाय उनका कोई योगदान नहीं रहा है। पैसा ही अमर सिंह की ताकत रही है। जाति से ठाकुर होने के नाते दिग्विजय सिंह भी न जाने कब से अमर सिंह का साथ देते आये हैं और न जाने कब तक साथ देते रहेगे। कुल मिलाकर कैश फॉर वोट कांड में फंसे अमर सिंह का भविष्य सुरक्षित नहीं दिख रहा है। आज वह राज्यसभा के सांसद हैं तो सपा के कोटे से है। आगामी यूपी के विधानसभा चुनाव के बाद स्पष्ट हो जाएगा कि अमर सिंह कितने जमीनी नेता हैं...लोक मंच को कितनी सीटें दिला पाएंगे...भोजपुरी संगीत के बड़े सेवक और गोरखपुर के लोकसभा सीट से योगी आदित्यनाथ से पराजित छुटभैया नेता मनोज तिवारी और बेचारी जया प्रदा के सिवाय कोई जाना पहचाना चेहरा उनके साथ नहीं है। कुल मिलाकर मंगलवार को जो बात उन्होंने दिल्ली प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कही, अन्ना हजारे और उनकी टीम को उस पर जरूर ध्यान देना चाहिए। क्योंकि अन्ना जिनपर देश की ज्यादातर जनता विश्वास करती है उन्होंने मौनव्रत तोड़ने के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि भ्रष्टाचार के मामले में भाजपा और कांग्रेस में कोई अंतर नहीं है, एक पार्टी ग्रेजुएट है तो दुसरी पार्टी ने भ्रष्टाचार में पीएचडी किया है। टीम अन्ना के सदस्य मनीष सिसौदिया भी सपा-बसपा को चोर कह चुके हैं । ऐसे में अन्ना हजारे देश को असहाय नहीं छोड़ सकते हैं। अन्ना को अमर सिंह द्वारा कहे गये जिंदगी की एक मात्र सत्य बात पर गौर करना ही चाहिए क्योंकि लेदेकर भाजपा या कांग्रेस में से ही कोई एक पार्टी केन्द्र में सरकार बनाएगी । भारत के अधिकाश राज्यों में या तो भाजपा या कांग्रेस और उसके सहयोगी दल की सरकार है। और टीम अन्ना ने जनता का इन पार्टीयों से मोह भंग करने का कार्य किया है। फिर जनता किसको वोट दे टीम अन्ना को यह बताना ही चाहिए।

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