कोलकाता , रेल मंत्री न एक प्रखर राजनेता हैं बल्कि एक गायिका व चित्रकार भी हैं और कविता पाठ भी करती हैं। दुर्गा पूजा का समय नजदीक आ रहा है और अब उन्होंने दुर्गा की मूर्तियां गढ़ने और उनकी सजावट के लिए समय निकाल लिया है।तृणमूल प्रमुख ममता 'बाकुल बागान सार्बोजनिन दुर्गा उत्सव' में शामिल हो गई हैं। यह संस्था उनके दक्षिणी कोलकाता के कालीघाट स्थित घर के समीप दुर्गोत्सव का आयोजन करेगी। उत्सव के आयोजनकर्ताओं ने उनका नाम सजावट के लिए पेंटिंग करने वाले चित्रकारों की सूची में शामिल किया है।
आयोजनकर्ताओं का कहना है कि ममता पूजा स्थल की सजावट और मूर्तियों के लिए पेंटिंग बना रही हैं। उनके साथ कुछ ऐसे लोग भी हैं जो उनके विचारों को कार्यरूप दे सकें। 'बाकुल बागान सार्बोजनिन दुर्गा उत्सव' के अध्यक्ष असित घोष ने बताया, "अरुण कुमार, दीदी (ममता बनर्जी) के बनाए डिजाइंस के आधार पर मूर्तियां बनाएंगे। उन्होंने खुद अरुण को चुना है क्योंकि वह कालीघाट में उनके घर के नजदीक ही रहते हैं।"घोष ने बताया, "हमने एक स्थानीय कलाकार को उनके बनाए डिजाइंस के आधार पर दुर्गा की झांकी सजाने का काम सौंपा है। झांकी के लिए अंडाकार शामियाना बांस और तिरपाल से बनाया जाएगा और उसे दीदी की पेंटिंग्स से सजाया जाएगा।"ममता के नजदीकी एक नेता ने बताया, "पूजा का विषय 'महाकाल' (एक पौराणिक काल जो जीवन की उत्पत्ति के पहले शुरू हुआ था और अब तक जारी है।) की अवधारणा पर आधारित होगा।" ममता 11 अक्टूबर को इस संस्था के दुर्गा उत्सव की शुरूआत करेंगी। यह शुरुआत देवी दुर्गा की वार्षिक 5 पूजा आरंभ होने से तीन दिन पहले ही हो जाएगी।
आयोजनकर्ताओं का कहना है कि ममता पूजा स्थल की सजावट और मूर्तियों के लिए पेंटिंग बना रही हैं। उनके साथ कुछ ऐसे लोग भी हैं जो उनके विचारों को कार्यरूप दे सकें। 'बाकुल बागान सार्बोजनिन दुर्गा उत्सव' के अध्यक्ष असित घोष ने बताया, "अरुण कुमार, दीदी (ममता बनर्जी) के बनाए डिजाइंस के आधार पर मूर्तियां बनाएंगे। उन्होंने खुद अरुण को चुना है क्योंकि वह कालीघाट में उनके घर के नजदीक ही रहते हैं।"घोष ने बताया, "हमने एक स्थानीय कलाकार को उनके बनाए डिजाइंस के आधार पर दुर्गा की झांकी सजाने का काम सौंपा है। झांकी के लिए अंडाकार शामियाना बांस और तिरपाल से बनाया जाएगा और उसे दीदी की पेंटिंग्स से सजाया जाएगा।"ममता के नजदीकी एक नेता ने बताया, "पूजा का विषय 'महाकाल' (एक पौराणिक काल जो जीवन की उत्पत्ति के पहले शुरू हुआ था और अब तक जारी है।) की अवधारणा पर आधारित होगा।" ममता 11 अक्टूबर को इस संस्था के दुर्गा उत्सव की शुरूआत करेंगी। यह शुरुआत देवी दुर्गा की वार्षिक 5 पूजा आरंभ होने से तीन दिन पहले ही हो जाएगी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें