यह लेख माखनलाल पत्रकारिता विश्विद्यालय भोपाल में प्रसारण पत्रकारिता के छात्र "भूपेन्द्र पाण्डे " द्वारा लिखा गया है-
माखनलाल में रहना है तो हमसे मिलकर चलना है , कुठियाला मुर्दाबाद , कुठियाला के कार्यकाल की जाँच हो , कर्मचारी एकता जिंदाबाद , जो हमसे टकराएगा चूर चूर हो जायेगा हर जोर जुल्म के टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है । ये नारे माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल में आज शिक्षक कर्मचारी और अधिकारी जोर जोर से चिल्लाकर लगा रहे थे और इन्ही नरो को तख्ती प़र लिख कुलपती के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे । विश्वविद्यालय के कुलपति बी० के० कुठियाला की नियुक्ति और पद सँभालने के कुछ दिन बाद से ही उन पर अनके आरोप लगाये जारहे थे कुछ लोग तो तो इनकी नियुक्ति पर भी सवालिया निशान लगाते हुए कहते है की इसके पीछे बहुत बड़ी राजनीति है और इसमें इनका संघी होना बहुत काम आया है इनने भी यहाँ पहुचते ही सबसे पहले विश्वविद्यालय के लैटर पैड का रंग बदल कर भगवा रंग दे दिया तभी से लोग कयास लगा रहे थे की अब पत्रकारिता विश्वविद्यालय का भगवाकरण होने वाला है ।
तब से आज तक कुलपति जी के सारी नीतियों को चुप चाप मानता चला आ रहा प्रशासन और कर्मचारियों के सब्र का बांध आज टूट ही गया हड़ताल और प्रदर्शन का कारण पता करने पर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अर्जुन लाल गोहरे ने बताया की विश्वविद्यालय तेलंगा के कार्यालय में १०० से अधिक कर्मचारी टास्क पर नियुक्त है इन को न तो परमानेंट किया जा रहा न इनके वेतन में कोई वृद्धी की जा रही है , खाली पड़े पदों के भर्ती का आदेश होने के बाद भी इसे भरा नहीं जा रहा है इन्होने मांग की है की पिछले लगभग १० वर्षो से संस्था को ३ से ४ हज़ार रुपयों में अपनी सेवा दे रहे कर्मचारियों को एक सरल प्रक्रिया के तहत नियमित किया जाये कुलपति पर आरोप लगते हुए इन्होने कहा कि ये बिना किसी को कोई जानकारी दिए गुपचुप तरीके से शासन को पत्र लिखकर रजिस्ट्रार और परिक्षानियांत्रक के पद पर आपने आदमियों को बैठना चाहते है जबकि वर्तमान में इन पदों को देख रहे डा० श्रीकांत सिंह और राजेश पाठक बढ़िया काम कर रहे है । कर्मचारियों की मांग है डा० श्रीकांत सिंह रजिस्ट्रार के पद की योग्यता रखते है और इन्हें ही इस पद पर रखा जाये क्योकि ये लम्बे समय से हमारे बीच में है और हमारी समस्यायों को भलीभांति समझ सकते है । वर्तमान में आप प्रसारण पत्रकरिता विभाग के एच० ओ० डी० के पद पर रहते हुए भी अपनी जिम्मेदारी को बहुत अच्छे ढंग से निभा रहे है । इनका कहना है श्री कुठियाला के आने के बाद यहाँ भ्रस्टाचार फैल गया है यू० टी० डी० सेंटर के संचालको की ओर से शिकायत आ रही है की कुलपति द्वार बनाई तीन सदस्यीय टीम घूस लेकर सेंटर को मान्यता दे रही है । कर्मचारियों ने कहा की अभी कुछ दिन पहले विश्वविद्यालय के काम से जा रहे 3 कर्मचारी की रात में दुर्घटना से दर्दनाक मौत हो गयी लेकिन उनके परिवार को कोई विशेष आर्थिक सहायता नही दी गयी , इन्हें जल्द सहयता दिया जाये और इनके परिवार से एक एक सदस्य की अनुकम्पा पर नियुक्ति की जाये । सब ने एक सुर में कुलपति के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए कहा की यदि जल्दी हमारी मांगे पूरी नहीं हुयी तो हम गांधवादी ढंग से हड़ताल करेंगे और लम्बी लडाई लड़ेंगे । यह था आज के तजा घटनाक्रम का हल कुछ दिन पीछे चले तो पता चलता है की कुलपति जी आते ही केवल सत्ता आपने हाथ में लेना चाहते थे इसके लिए आप अपने मन से कानून पर कानून बनाते रहे और लोग आँख बंद कर मानते रहे चाहे वाह शुराक्षकर्मियो की संख्या घटना हो या कुछ ओर परिवर्तन की बयार कुछ ऐसे चली की विश्वविद्यालय के पानी के सहारे जीने वाले लडको को १० बजे के बाद विश्वबिद्यालय में घुसना मना कर दिया गया यहाँ पढने वाले लड़के अपने घर से ज्यादा समय यहाँ बिताते थे यहाँ पर विभिन्न विषयों पर रात में घंटो बहस होती रहती थी पर अब नहीं । अभी हद नहीं हुयी इस छोटे से विश्वविद्यालय में १४ नए कोर्स शुरू किये गए जबकी पहले से चल रहे कोर्सो के लडको का भविष्य अभी तक अँधेरे में है इनके प्लेसमेंट की कोई ब्यवस्था नहीं है इस वर्ष निकले बड़ी संख्या में छात्र बेरोजगार घूम रहे है । कुलपति के सामने छात्रो ने गुहार लगाई थी पर कोई सुनवाई नहीं हुयी इन छात्रो में कई ऐसे है जिन्होंने अपना कोर्स लोन लेकर किया है।
आपने विश्वविद्यालय में प्रवेश की परम्परागत प्रेवश परीक्षा को समाप्त कर मेरिट सिस्टम लागू किया जिसका परिणाम यह रहा की ४ लिस्ट निकलने के बाद भी कई विभागों की सीटे खाली पढी है। जो नए कोर्स शुरू किये गए उनमे कुछ में तो कोई आवेदन ही नहीं आया ओर कुछ में २य ३ छात्रो का प्रवेश हुआ इसके आलावा पढ़ाने के लिए शिक्षक नदारद है । कुल मिलकर यहाँ छात्रो के भविष्य के साथ गन्दा मजाक करने की कोशिश की जा रही है पर अब तक सब चुप थे अब जब बात आपने पर आयी तो लोगो ने चिल्लाना शुरू किया खैर आवाज बुलंद है ओर लगता है कि आब कुलपति का तिलिस्म टूट रहा है वैसे अभी तक यह विश्वविद्यालय राम भरोसे चल रहा है कदम कदम पर भ्रस्टाचार है देखना यह होगा कि कुछ बदल पता है या सबके मुह ,बंद कर दिए जायेंगे ।
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i know that what's you people make to be observe about all .....because that was our past, at all most of one who really want to do job into the jumping jounalism beside the real, that has been got zoner zone of sucess ......so dnt worry abt anything lord blessing end of the acrossing ....
जवाब देंहटाएंbhut hi achhi hi vishleshan kiyea hai bhai..... makhanlal me to ye hona hi tha akhir is bhagva karan ki rajniti kab tak chalegi...
जवाब देंहटाएंbahut shaandaar dost likhte raho ...
जवाब देंहटाएंaap ke is andolan ka mai samrthan karta hoon aur yah vishwaash dilata hoon ki jaldi he bhopal aakar is andolan ko zmeeni star se chlaya jayega .
जवाब देंहटाएंbahut khoob isi tarah se likhte rahiye aur kuthiyala jaise logo ki raaton ki neend haraam kar dijiye .
well don
sir ji ye lekh maine apne blog pe bhee daal diya hai . aapko aapti to nai hai .
जवाब देंहटाएंlaajawaab..kuthiyala ka tilism chaahe toote ya na toote..lekin tumne apne shabdo ke jaal me is tilism ko jakad jaroor liya hai.
जवाब देंहटाएंham jaise dur daraj ke logo tak mcu ki suchna pahunchane ke liye sukriya.......waise hum log to bhukt bhogi hain......hamse jyada staya gya kaun hai.....90% attendence 0% placement......lekin top class ka confidence.....cavs jai ho.
जवाब देंहटाएंwell written...thnx for the information.
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