इस बार एशियाई महाद्वीप में हो रहे टी-20 विश्व कप में स्पिनरों की भूमिका अहम रहने वाली है। एशियाई पिचें शुरू से ही स्पिनरों के लिए स्वर्ग रही है। ऐसे में इस विश्व कप में बल्लेबाज लट्टू की तरह नाचते हुए दिखेंगे। भारत की ओर से इस भूमिका का निर्वाहन आर. अश्विन करेंगे। न्यूजीलैंड के विरुद्ध टेस्ट सीरीज में उन्होंने 18 विकेट लिए थे। उम्मीद तो यही है कि श्रीलंका के पिचों पर भी वह बल्लेबाजों को अपनी फिरकी के जाल में फसाएंगे। जब गेंद पाकिस्तान के सईद अजमल के हाथों में होती है तो विकेट गिरने का अंदेशा होने लगता है। टी-20 में इन्हें विकेट मशीन कहा जा सकता है। 41 मैचों में 58 विकेट कम नहीं होते। शाहिद अफ्रीदी के बारे में भी यही कहा जा सकता है। जितना बल्ले से करते हैं उससे कहीं ज्यादा गेंद से करते हैं। टर्न के साथ रफ्तार इस बार भी बल्लेबाजों के लिए कड़ी चुनौती होगी। इस कड़ी में एक और नाम आता है, वेस्टइंडीज के सुनील नरेन का। आईपीएल के जरिए अपनी गेंदबाजी से इन्होंने जितनी सुर्खियां बंटोरी, उतनी पिछले एक दशक में किसी विदेशी गेंदबाजों को नहीं मिली है। ये वह खिलाड़ी हैं जिनके कंधों पर अपनी टीम को चैंपियन बनाने का जिम्मा है।
बुधवार, 12 सितंबर 2012
..जो बल्लेबाजों को नचाते हैं ऊंगलियों पर
इस बार एशियाई महाद्वीप में हो रहे टी-20 विश्व कप में स्पिनरों की भूमिका अहम रहने वाली है। एशियाई पिचें शुरू से ही स्पिनरों के लिए स्वर्ग रही है। ऐसे में इस विश्व कप में बल्लेबाज लट्टू की तरह नाचते हुए दिखेंगे। भारत की ओर से इस भूमिका का निर्वाहन आर. अश्विन करेंगे। न्यूजीलैंड के विरुद्ध टेस्ट सीरीज में उन्होंने 18 विकेट लिए थे। उम्मीद तो यही है कि श्रीलंका के पिचों पर भी वह बल्लेबाजों को अपनी फिरकी के जाल में फसाएंगे। जब गेंद पाकिस्तान के सईद अजमल के हाथों में होती है तो विकेट गिरने का अंदेशा होने लगता है। टी-20 में इन्हें विकेट मशीन कहा जा सकता है। 41 मैचों में 58 विकेट कम नहीं होते। शाहिद अफ्रीदी के बारे में भी यही कहा जा सकता है। जितना बल्ले से करते हैं उससे कहीं ज्यादा गेंद से करते हैं। टर्न के साथ रफ्तार इस बार भी बल्लेबाजों के लिए कड़ी चुनौती होगी। इस कड़ी में एक और नाम आता है, वेस्टइंडीज के सुनील नरेन का। आईपीएल के जरिए अपनी गेंदबाजी से इन्होंने जितनी सुर्खियां बंटोरी, उतनी पिछले एक दशक में किसी विदेशी गेंदबाजों को नहीं मिली है। ये वह खिलाड़ी हैं जिनके कंधों पर अपनी टीम को चैंपियन बनाने का जिम्मा है।
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