लॉक डाउन का पालन ही देशभक्ति
देशभक्ति समझकर 21 दिन के लॉक डाउन का पालन कीजिये। ताकि कोरोना की चेन सिस्टम को तोड़ा जा सके। यह आपके, आपके परिवार के और देश के लिये बहुत ही जरूरी है। कोई पालन करवा रहा इसलिए नहीं, बल्कि जिम्मेदार नागरिक बनकर। आपको सिर्फ घर में रहने के लिये कहा जा रहा, सोचिये आपके लिये लाखों डॉ, लाखों आर्मी के जवान, लाखों पुलिस बल के जवान, लाखों विद्युत कर्मी, जल संस्थान कर्मी, दूरसंचार कर्मी मिलकर सेवा देने में लगे हुये हैं। ऐसा नहीं कि इन पर खतरा नहीं, लेकिन हर सम्भव सावधानी बरतकर परिजनों से दूर कर्तव्य निभा रहे हैं। ताकि देश पर आए संकट को टाला जा सके। आप अपनों के बीच रहकर ही देशसेवा का परिचय दें। यही काफी है।
देश में असंगठित क्षेत्र के 38 करोड़ से अधिक गरीब मजदूर हैं। इनके सामने बीमारी से बचने के अलावा खाने का भी संकट है। यही वो वर्ग है जिस पर सबसे ज्यादा ध्यान देना होगा। इनके लिये सरकारें और स्थानीय प्रशासन हर सम्भव भोजन सामग्री भेजने का काम कर रहे हैं। कर्मचारी शिद्दत से जुटे हैं। फिर भी जागरूक लोग बनकर आसपास के गरीबों को भूखा न सोने दें यही मानवता है। जरूरी नहीं कि उसका प्रचार हो, सेल्फी सोशलमीडिया पर अपलोड हो।
WHO भी कह रहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को भी सुधारना होगा। वह लॉक डाउन के अलावा मुफ्त परीक्षण, मुफ्त इलाज़, मास्क और प्रतिरक्षण किट की ओर इशारा कर रहा है। उस दिशा में सरकारें जल्द काम करेंगी। यही देश को उम्मीदें हैं।
मौत का भय नहीं, मगर अपने महफूज़ रहें। इसलिए हम सड़कों पर तन, मन और धन से सेवा करने का काम करेंगे।
आप गैर जिम्मेदार होने का परिचय न दें।
अनावश्यक घर से बाहर न निकलें। किसी शहर से कोई व्यक्ति आया हो और बीमारी के लक्षण दिखाई दें तो पुलिस को सूचित करें।
स्वयं बचें और देश बचायें।
देश में 70 मामले बढ़कर अभी तक 606 मामले, 10 मौतें, 41 ठीक भी हो गये।
दुनियाभर में 21 हजार से अधिक मौतें।
उम्मीद है आप पालन करेंगे।
देशभक्ति समझकर 21 दिन के लॉक डाउन का पालन कीजिये। ताकि कोरोना की चेन सिस्टम को तोड़ा जा सके। यह आपके, आपके परिवार के और देश के लिये बहुत ही जरूरी है। कोई पालन करवा रहा इसलिए नहीं, बल्कि जिम्मेदार नागरिक बनकर। आपको सिर्फ घर में रहने के लिये कहा जा रहा, सोचिये आपके लिये लाखों डॉ, लाखों आर्मी के जवान, लाखों पुलिस बल के जवान, लाखों विद्युत कर्मी, जल संस्थान कर्मी, दूरसंचार कर्मी मिलकर सेवा देने में लगे हुये हैं। ऐसा नहीं कि इन पर खतरा नहीं, लेकिन हर सम्भव सावधानी बरतकर परिजनों से दूर कर्तव्य निभा रहे हैं। ताकि देश पर आए संकट को टाला जा सके। आप अपनों के बीच रहकर ही देशसेवा का परिचय दें। यही काफी है।
देश में असंगठित क्षेत्र के 38 करोड़ से अधिक गरीब मजदूर हैं। इनके सामने बीमारी से बचने के अलावा खाने का भी संकट है। यही वो वर्ग है जिस पर सबसे ज्यादा ध्यान देना होगा। इनके लिये सरकारें और स्थानीय प्रशासन हर सम्भव भोजन सामग्री भेजने का काम कर रहे हैं। कर्मचारी शिद्दत से जुटे हैं। फिर भी जागरूक लोग बनकर आसपास के गरीबों को भूखा न सोने दें यही मानवता है। जरूरी नहीं कि उसका प्रचार हो, सेल्फी सोशलमीडिया पर अपलोड हो।
WHO भी कह रहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को भी सुधारना होगा। वह लॉक डाउन के अलावा मुफ्त परीक्षण, मुफ्त इलाज़, मास्क और प्रतिरक्षण किट की ओर इशारा कर रहा है। उस दिशा में सरकारें जल्द काम करेंगी। यही देश को उम्मीदें हैं।
मौत का भय नहीं, मगर अपने महफूज़ रहें। इसलिए हम सड़कों पर तन, मन और धन से सेवा करने का काम करेंगे।
आप गैर जिम्मेदार होने का परिचय न दें।
अनावश्यक घर से बाहर न निकलें। किसी शहर से कोई व्यक्ति आया हो और बीमारी के लक्षण दिखाई दें तो पुलिस को सूचित करें।
स्वयं बचें और देश बचायें।
देश में 70 मामले बढ़कर अभी तक 606 मामले, 10 मौतें, 41 ठीक भी हो गये।
दुनियाभर में 21 हजार से अधिक मौतें।
उम्मीद है आप पालन करेंगे।
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