जेनिफर हैलर आप दुनिया की महान मां हो
जेनिफर हैलर सहित दुनिया के उन 45 लोगों को लाखों-करोड़ों बार नमन, वंदन, अभिनन्दन
जिन्होंने कोरोना जैसी महामारी से मानवता को बचाने के लिए अपनी जान को खतरे में डाल दिया। जो वैक्सीन बनायी जा रही, वह इन पर पहले प्रयोग की जा रही है। जाहिर है मौत भी हो सकती है। जेनिफर आप 2 बच्चों की मां हैं। मां शब्द को आपने जो ऊंचाइयों पर पहुँचाया। हम सोच नहीं सकते कि मां कितनी महान होती है। जब मानव पर टेस्ट करने की बात आयी तो चार लोगों में आपने सबसे पहले सहमति दी और वॉशिंगटन रिसर्च इंस्टूट्यूट में स्वीकृति फार्म भरा। 43 वर्षीय हैलर छोटी सी अमेरिकी टेक कम्पनी में ऑपरेशनल मैनेजर की नौकरी करती हैं। आपके पति साफ्टवेयर टेस्टर हैं। आपके साहस को हम सलाम ही नहीं करते, नमन भी करते हैं। हालांकि 44 और भी लोग हैं, जिन्होंने स्वेच्छा से ये खतरा उठाने का निर्णय लिया है।
आप सबका नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाये तब भी कम।
वैक्सीन के सफल टेस्ट के लिए पहले किसी स्वस्थ व्यक्ति को उस बीमारी से इन्फ़ेक्ट किया जाता है और फिर उस पर वैक्सीन का रेस्पॉन्स देखा जा रहा है। इन 45 लोगों पर एक माह में विभिन्न टेस्ट होंगे। सफल होने पर विश्व को वैक्सीन मिलेगी।
बकौल हैलर कहतीं हैं-
“इस मोड़ पर हम अपनी ज़िंदगी हाथ धोकर और वर्क फ्रॉम होम की बजाए इस वायरस से लड़कर बिताना चाहते हैं.”
विश्व में मानव पर यह प्रयोग पहली बार ही रहा है। हम आप सबके सलामती की दुआ करते रहेंगे।
हैलर आप महान मां हो,,,,फूलशंकर।
जेनिफर हैलर सहित दुनिया के उन 45 लोगों को लाखों-करोड़ों बार नमन, वंदन, अभिनन्दन
जिन्होंने कोरोना जैसी महामारी से मानवता को बचाने के लिए अपनी जान को खतरे में डाल दिया। जो वैक्सीन बनायी जा रही, वह इन पर पहले प्रयोग की जा रही है। जाहिर है मौत भी हो सकती है। जेनिफर आप 2 बच्चों की मां हैं। मां शब्द को आपने जो ऊंचाइयों पर पहुँचाया। हम सोच नहीं सकते कि मां कितनी महान होती है। जब मानव पर टेस्ट करने की बात आयी तो चार लोगों में आपने सबसे पहले सहमति दी और वॉशिंगटन रिसर्च इंस्टूट्यूट में स्वीकृति फार्म भरा। 43 वर्षीय हैलर छोटी सी अमेरिकी टेक कम्पनी में ऑपरेशनल मैनेजर की नौकरी करती हैं। आपके पति साफ्टवेयर टेस्टर हैं। आपके साहस को हम सलाम ही नहीं करते, नमन भी करते हैं। हालांकि 44 और भी लोग हैं, जिन्होंने स्वेच्छा से ये खतरा उठाने का निर्णय लिया है।
आप सबका नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाये तब भी कम।
वैक्सीन के सफल टेस्ट के लिए पहले किसी स्वस्थ व्यक्ति को उस बीमारी से इन्फ़ेक्ट किया जाता है और फिर उस पर वैक्सीन का रेस्पॉन्स देखा जा रहा है। इन 45 लोगों पर एक माह में विभिन्न टेस्ट होंगे। सफल होने पर विश्व को वैक्सीन मिलेगी।
बकौल हैलर कहतीं हैं-
“इस मोड़ पर हम अपनी ज़िंदगी हाथ धोकर और वर्क फ्रॉम होम की बजाए इस वायरस से लड़कर बिताना चाहते हैं.”
विश्व में मानव पर यह प्रयोग पहली बार ही रहा है। हम आप सबके सलामती की दुआ करते रहेंगे।
हैलर आप महान मां हो,,,,फूलशंकर।
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