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बुधवार, 7 अप्रैल 2010

शान से परेशान हूँ

काल के जंजाल सा लगता हैं ये इंटर्नशिप पर क्या कहू सवाल हैं कहा से पाऊ नौकरी .....गम तो इतना हैं की आज छोड़ दू...... ये जाल का जंजाल ....पर हैं अगर कोई सोलुसन बताओ वरना चुप चाप तुम भी भटको खैर हम तो भटक रहे ही हैं .........अगर कोई पूछे क्या हैं नोकरी तेरे पास तनकर उठो कहो,,,,,,, हैं कोई व्यवस्था  तेरे पास नहीं तो चल चलता बन ......और सुन  अभागो के शूख स्वप्न सचे नही बहुत आच्छे होते हैं ..................कल तो मैं आई बी अंन , आजतक ,का मालिक बन कर दिखाउगा ........चल अभी शांत रह .....कल की खबर में एंकर ने  जो  तुझे बना दिया ......जीरो से हीरो बनने वक्त ही लगता हैं ....चल आज ये तेरा हैं .....ये कल माकूल मेरा होगा .....

2 टिप्‍पणियां:

  1. prkash bandhu.....ye kya likh rhe ho ,kal IBN aur AAJTAK ke malik banoge...bhai rajdeep sardesai aur arunpuri kya karenge....KHAIR ban jana to makhanlal univ. ke aane wali pidhi ka khayal rakhna..abhi sahi rah pe ho..intern me gum aur rone ki bat mat karo ...ye to proccess hai....gujar rhe ho....gujar jao aane walw wakt hmara hai......

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