परिनिर्वाण दिवस पर महात्मा फुले को नमन
एक भारतीय समाज सुधारक, चिंतक, लेखक, दार्शनिक, महिलाओं और दलितों के उद्धारक ज्योतिराव गोविंदराव फुले के परिनिर्वाण दिवस पर उनके कार्यों को नमन, वंदन।
वे 'महात्मा फुले' एवं 'ज्योतिबा फुले' के नाम से भी मशहूर हैं। उन्होंने महाराष्ट्र में सत्यशोधक समाज की स्थापना की। महिलाओं की दशा सुधारने के लिये 1848 में एक महिला स्कूल खोला। यह देश में पहला विद्यालय था। लड़कियों को पढ़ाने के लिए अध्यापिका नहीं मिली तो उन्होंने स्वयं व अपनी पत्नी सावित्री बाई फुले को इस कार्य मे लगाया।
जन्म- 11 अप्रैल 1827
परिनिर्वाण-28 नवंबर 1890 पुणे महाराष्ट्र
*जिस समय महात्मा फुले शिक्षा की ज्योति जला रहे थे। उस समय स्कूल के लिये जाते इस परिवार पर जातिवादी लोग, संगठन कीचड़/गोबर फेंक रहे थे।
ऐसे महात्मा को मेरा नमन।
एक भारतीय समाज सुधारक, चिंतक, लेखक, दार्शनिक, महिलाओं और दलितों के उद्धारक ज्योतिराव गोविंदराव फुले के परिनिर्वाण दिवस पर उनके कार्यों को नमन, वंदन।
वे 'महात्मा फुले' एवं 'ज्योतिबा फुले' के नाम से भी मशहूर हैं। उन्होंने महाराष्ट्र में सत्यशोधक समाज की स्थापना की। महिलाओं की दशा सुधारने के लिये 1848 में एक महिला स्कूल खोला। यह देश में पहला विद्यालय था। लड़कियों को पढ़ाने के लिए अध्यापिका नहीं मिली तो उन्होंने स्वयं व अपनी पत्नी सावित्री बाई फुले को इस कार्य मे लगाया।
जन्म- 11 अप्रैल 1827
परिनिर्वाण-28 नवंबर 1890 पुणे महाराष्ट्र
*जिस समय महात्मा फुले शिक्षा की ज्योति जला रहे थे। उस समय स्कूल के लिये जाते इस परिवार पर जातिवादी लोग, संगठन कीचड़/गोबर फेंक रहे थे।
ऐसे महात्मा को मेरा नमन।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें