अधिवक्ता समृद्धि कुशवाहा को सलाम
2012 के निर्भया केस को 7 साल तक बिना फीस के लड़ने वाली अधिवक्ता समृद्धि कुशवाहा को दिल से सलाम, जिन्होंने मुफ्त केस ही नहीं लड़ा, बल्कि चारों दरिंदों को फांसी तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने मजबूर मां-बाप को सम्बल प्रदान किया और भरोसा भी दिलाया कि गरीबी न्याय में बाधा नहीं बन पायेगी। मन करता कि समृद्धि जैसे और आगे आयें। यही देशभक्ति और सच्ची मानवता है।
22 जनवरी सुबह जब चारों दोषियों को फांसी हो जायेगी तो सुकून तो मिलेगा, लेकिन कई सवाल अब भी जिंदा बने हुये हैं। जैसे न्याय में देरी अन्याय के बराबर है। हमारी व्यवस्था और समाज ऐसे केस रोकने में नाकाम क्यों हैं?
न्याय दिलाने वाली अधिवक्ता समृद्धि कुशवाहा, निर्भया के पिता बद्रीनाथ सिंह, मां आशा देवी को अभिनन्दन।(फ़ोटो में)
2012 के निर्भया केस को 7 साल तक बिना फीस के लड़ने वाली अधिवक्ता समृद्धि कुशवाहा को दिल से सलाम, जिन्होंने मुफ्त केस ही नहीं लड़ा, बल्कि चारों दरिंदों को फांसी तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने मजबूर मां-बाप को सम्बल प्रदान किया और भरोसा भी दिलाया कि गरीबी न्याय में बाधा नहीं बन पायेगी। मन करता कि समृद्धि जैसे और आगे आयें। यही देशभक्ति और सच्ची मानवता है।
22 जनवरी सुबह जब चारों दोषियों को फांसी हो जायेगी तो सुकून तो मिलेगा, लेकिन कई सवाल अब भी जिंदा बने हुये हैं। जैसे न्याय में देरी अन्याय के बराबर है। हमारी व्यवस्था और समाज ऐसे केस रोकने में नाकाम क्यों हैं?
न्याय दिलाने वाली अधिवक्ता समृद्धि कुशवाहा, निर्भया के पिता बद्रीनाथ सिंह, मां आशा देवी को अभिनन्दन।(फ़ोटो में)
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