मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला चानू की भूख हडताल को आज दस साल पूरे हो गए। वे मणिपुर से विवादित आम्र्ड फोर्सज स्पेशल पावर्स एक्ट (एएफएसपीए) 1958 हटाने की मांग को लेकर भूख हडताल पर है।
देश के कुछ ही इलाकों में यह कानून लागू है जिनमें मणिपुर भी है। शर्मिला इस कानून के विरोध में 2000 से अनशन पर है। प्रशासन और सरकार ने उनकी भूख हडताल को तुडवाने के लिए कई तरीके आजमाए लेकिन वे नाकाम रहे। इम्फाल स्थित जे एन अस्पताल में भर्ती शर्मिला को नाक के जरिए आहार दिया जा रहा है। अब शर्मिला को ग्लूकोज और दवाओं के सहारे ही जिंदा रखा जा रहा है। इम्फाल के अस्पताल के जिस कमरे में उन्हें रखा गया है उसे एक जेल में तब्दील कर दिया गया है। वे न्यायिक हिरासत में हैं। आज शर्मिला के आंदोलन के समर्थक राज्य के विभिन्न हिस्सों में धरना प्रदर्शन कर रहे है। शहर के रिक्शाचालकों ने भी रैली निकाली।
by --khaskhbar
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें