बुधवार, 10 नवंबर 2010
हिंदुस्तान के अगुआ यानि कि सरदार मनमोहन सिंह जी आप जनता कि भावनाओं का कद्र क्यों नही करते...आपको सिर्फ सोनिया और राहुल जी के इशारे का इंतजार रहता है क्यों....
70 हजार करोड़ रुपया किसानो का कर्ज माफ़ करके केंद्र सरकार आज तक दहाड़ती है......जबकि स्पेक्ट्रम वितरण में केवल 1658 करोड़ रुपया केंद्र को मिला...1, लाख 76 हजार 7 सौ करोड़ रुपया घोटाले में कोई जवाब देने वाला नही है.....क्यों.....गठबंधन कि सरकार क्या इसी तरह चलेगी.....ए राजा को हटाया क्यों नही जा रहा है.....फैसला मनमोहन सिंह को करना चाहिए ....लेकिन करूणानिधि पर फैसला छोड़ा जा रहा है.......जबकि जयललिता ने कहा है कि राजा को हटाओ मै बिना शर्त समर्थन देने को तैयार हू.....साहस दिखाने का वक्त है.....मनमोहन सिंह जी ये देश का अबतक का सबसे बड़ा घोटाला है.....क्या आप हिंदुस्तान के सबसे बड़े अर्थशास्त्री के राज में सबसे बड़ा घोटाला कराने का रिकॉर्ड बनाना चाहते हैं..........कुर्सी का मोह छोड़ दीजिये ...खुलकर फैसला लीजिये.......हिंदुस्तान कि विशाल आम जनता का लाभ लेने अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा तक आ पहुंचे....लेकिन हिंदुस्तान के अगुआ यानि कि सरदार मनमोहन सिंह जी आप जनता कि भावनाओं का कद्र क्यों नही करते...आपको सिर्फ सोनिया और राहुल जी के इशारे का इंतजार रहता है क्यों.........ए राजा को हटाओ--देश बचाओ, पाई--पाई वसूलकर एक बार फिरसे किसानो के हित में कुछ कमाल कर दिखाइए.....
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ना जाने कब हमें बेईमानों के सरदार बने इस इमानदार प्रधानमंत्री की से छुटकारा मिलेगा.
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