शनिवार, 3 दिसंबर 2011
जूता-चप्पल और चांटा मारने के इस दौर में.....
माफी के साथ, कह रहा हूं कि बहुत खुशी होती है जब कोई गलत आदमी इसका शिकार होता है,,,,,,,लेकिन चुंकि यह गांधी का देश है---इसलिए यहां हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है,,,,,,,,,,और किसी भी कीमत पर इसे सही नहीं ठहराया जा सकता है, क्योंकि अगर कोई गलत आदमी इसका शिकार होता है...तो वह और उसके राजनीतिक समर्थक अपने प्रतिद्वन्दियों पर भी उसी अंदाज में हमला कर सकते हैं....कुछ दिन पहले तरह जिस हरविंदर सिंह नाम के एक भाई ने शरद पवार को थप्पड़ मारा था,,,,उसे खुद की राजनीतिक पार्टी खड़ी करनी चाहिए,,,,या फिर अपने विचारों से मेल खाने वाली पार्टी ( अंधे में कानी ही सही ) के साथ मिलकर काम करना चाहिए.....और जिस महंगाई और भ्रस्टाचार से आजिज आकर उसने क्रिकेट में व्यस्त रहने वाले एक केन्द्रीय मंत्री को चांटा मारा था ,,,उस महंगाई और भ्रस्टाचार को उसे ख़त्म करना चाहिए........खैर उसने जो काम किया था...वो उसे भगत सिंह की राह पर चलना समझ रहा होगा...लेकिन आज के युग में भगत सिंह बनना मुश्किल है,,,,आज एक नेता या राजनितिक पार्टी या अधिकारी गलत होता तो भगत सिंह की राह सही मानी जा सकता थी ...लेकिन यहां तो हर शाख पर उल्लू बैठा है....और आज के युग में जब सेना और पुलिस सरकार के हाथ में है वह उसका सही और गलत इस्तेमाल कर सकती है....जैसा कि हम बाबा रामदेव के मामले में दिल्ली के रामलीला मैदान में तमाशा देख चुके हैं,,,,ऐसे में इन उल्लुओं पर अहिंसा का हथियार ही कारगर होगा....वरना हरविंदर सिंह जैसे नासमझ और अतिउत्साही लोगों को नक्सली टाईप का या सस्ती लोकप्रियता के लिए काम करने वाला घोषित कर दिया जायेगा...कुल मिलाकर जूता, चप्पल और चांटा मारने के इस दौर में ख़ुशी की बात ये है कि हमारे पास अन्ना हजारे जैसे मार्गदर्शक मौजूद हैं....अन्ना हजारे २७ दिसम्बर २०११ से फिरसे अनशन पर बैठने वाले हैं......ऐसे में अन्ना जी का साथ हरविंदर जैसे लोगो को जरुर देना चाहिए......यूँ तो देश के ज्यादातर लोग अन्ना जी के साथ हैं और रहेंगे.....क्योंकि अन्ना जी जिस अहिंसा के मार्ग पर चलते हैं..... उससे पुलिस उनको क्या उनके समर्थकों तक को छूने में हजार बार सोचती है..... रही बात अन्ना हजारे के कांग्रेस के विरोध में ५ राज्यों के प्रचार करने की तो .....वो करें, लेकिन एक बार वो इतना जरुर बताते चलें कि ईमानदार कौन है ...जनता वोट किसको दे....अगर बसपा को--- तो बलात्कारी विधायक किस पार्टी में हैं.....सपा को ---तो अमर सिंह जैसे दलाल कहाँ से पैदा हुए,,,,, बीजेपी को तो ---येदियुरप्पा किसके खेत की मूली है,,,,,लोकदल को तो---अवसरवादी और परिवारवादी कौन है........अन्ना जवाब दें न दें हम उनके साथ हैं........और देश के युवाओं और मीडिया वर्ग से गुजारिश और उम्मीद करते हैं कि वे अन्ना का साथ पहले की तरह देंगे..डेल्ही से बाहर वालों रिजर्वेशन करालो ...डेट -२७ दिसम्बर , जगह-फिर वही -- दिल्ली का रामलीला मैदान......
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें