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गुरुवार, 30 अप्रैल 2020

कमेरा वर्ग को नमन, मई दिवस की बधाईयां।

,,,कमेरा वर्ग को नमन
मजदूरों के दर्द को या यूं कहें कि मजदूरों को कभी समझा ही नहीं गया। ये एक दिन की बात नहीं। जो बुद्धिजीवी या पैसा वाले, उद्योगपति, अलीट वर्ग है, वह हमेशा उनके लिये जिंदा रहने लायक देते रहे। ताकि वह मरे न और उनको अमीर बनाता रहे। जिसके वो हक़दार थे और हैं, उतना उनको कभी नहीं मिला। नीति नियंताओं ने जो भी रोडमैप बनाया। उसमें उनका शोषण भी शामिल था। हम ऊपरी बातें और दिखावा तो बहुत करते हैं। एक दिन की छुट्टी या माला पहनाकर या मामूली पैसा बढ़ाकर या कुछ शब्द मीठे बोलकर इतिश्री कर लेना चाहते हैं। मगर किसी भी देश की बुनियाद तैयार करने वाले इस वर्ग का सम्पूर्ण भला सोच ही नहीं गया। यही कारण है कि कुपोषण मिटाने के लिये करोड़ों के बजट बनाये जाते मगर मूल जड़ पर बार नहीं किया जाता। दर दर की ठोकरें खाने के बाद भी वह दोष किसी को नहीं देता। बस हाड़-मांस के सूखे शरीर से मेहनत जानता है। जब पसीने की बूदें इस धरा को सींचतीं हैं तब जाकर अट्टालिकाएं तैयार होती हैं और फिर उनसे उसको धकेल दिया जाता। यही कहानी है उनकी।
ये देश किसानों, मजदूरों, हाथठेला वालों, कारीगरों, चप्पल बनाने वालों, गटर साफ करने वालों आदि का पहले है। वह लेता नहीं, हमेशा देता है। इस वर्ग के चेहरों पर जब खुशी नहीं आएगी तब तक कोई भी देश तरक़्क़ी की इबारत नहीं लिख सकेगा।
देश की नींव तैयार करने वाले कमेरा वर्ग को नमन, वंदन।

जिनके घरों में खाने का सामान भरा पड़ा है उनको विश्व मजदूर दिवस/ श्रमिक दिवस/मई दिवस की बधाईयां।
,,,बाकी तो उनकी स्तिथि किसी से छुपी नहीं।

उम्मीद है इन गरीबों, मजलूमों की स्तिथि कभी सुधरेगी।
,,,फूलशंकर

मंगलवार, 14 अप्रैल 2020

विश्व रत्न बाबा साहेब बी.आर. अम्बेडकर को नमन

विश्व रत्न को नमन
समानता, न्याय और ज्ञान के प्रतीक विश्व रत्न बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर को 129 वें अवतरण दिवस पर नमन।
क़ाबिलियत, इंसानियत, समझदारी और सूझबूझ से उन्होंने भारत ही नहीं विश्व को नई दिशा दी। देश का उद्धार किया। उनकी नींव पर ही ये देश खड़ा है।
कुछ लोग संविधान निर्माता पर कई सवाल उठाते हैं। कमजोर और लचीला संविधान बताते हैं। कुछ संविधान को उधार का पिटारा या थैला कहते हैं। यह बात डॉ आंबेडकर ने अपने जीवन में ही कह दी थी और कहा था कि जिस प्रकार के लोग सत्ता में होंगे वैसा ही देश चलायेंगे। हमने संविधान निर्माण में कोई कमी नहीं छोड़ी। हर नागरिक के हितों का ख्याल रखा। ताकि श्रेष्ठ भारत का निर्माण हो सके।
आपको विश्व समानता दिवस, चेतना दिवस की ढेरों बधाईयां।

जो सवाल उठाते उनके लिए,,,
कहना चाहता हूँ कि इतना खोज लेना कि कितने देशों में उनके जीवन परिचय को पढ़ाया जाता और कितने शोध हुये।
अब उनके ज्ञान की बात
भारत रत्न डॉ अंबेडकर के पास BA, MA, M.SC, P.H.D, L.L.D, DSC, D. Litt., Barrister-at-law समेत बत्तीस (32) डिग्रियां थीं। इसके अलावा वे कुल नौ भाषाओं के जानकार थे। विशेषज्ञ थे।
तीन साल कोलंबिया प्रवास के दौरान बाबा साहेब ने उनत्तीस कोर्स वाणिज्य में किये, ग्यारह कोर्स इतिहास में, छः कोर्स समाज शास्त्र में, पांच कोर्स दर्शन शास्त्र में, चार कोर्स मानवशास्त्र में, तीन कोर्स राजनीति शास्त्र में, एक एलिमेंट्री फ्रेंच में और एक जर्मन में कोर्स पूर्ण किया।
और हां जो तुम संविधान की प्रतियां जलाते हो। इतना जान लेना ये जो सांस ले रहे हो वह संविधान की ही देन है।
,,,न्याय के शिल्पकार महामानव को नमन।

शुक्रवार, 10 अप्रैल 2020

"ऐ वतन, वतन मेरे, आबाद रहे तू

"ऐ वतन, वतन मेरे, आबाद रहे तू
मैं जहाँ रहूँ जहाँ में याद रहे तू
तू ही मेरी मंजिल है, पेहचान तुझी से
पोहुंचू मैं जहां भी
मेरी बुनियाद रहे तू। "
जिस तेजी से केस बढ़ रहे उससे चिंतित हूँ, दुःखी हूँ। अब मुझे वो निश्चिंत नींद नहीं आ रही। खैर जो भी हो।
आप जिम्मेदारी से अपना, अपनों का बचाव करें। घर पर ही रहें।
लाखों चिकित्सा कर्मी, पुलिस के जवान, आर्मी के जवान आपनों से दूर रहकर दिन-रात सेवा कर रहे हैं। घर से बाहर निकलकर उनको अपमानित न करें।
घर पर रहकर साथ दें,,,हम एक दिन इस महामारी से जीत जायेंगे।